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एमएस धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में खेल चुके उमेश यादव ने बताया, क्या है दोनों में फर्क

इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने कोरोना वायरस खतरे के कारण गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव का मानना है कि क्रिकेट शुरू होने के बाद...

एमएस धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में खेल चुके उमेश यादव ने बताया, क्या है दोनों में फर्क
एजेंसी,नई दिल्लीThu, 18 Jun 2020 09:58 PM
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इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने कोरोना वायरस खतरे के कारण गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव का मानना है कि क्रिकेट शुरू होने के बाद इसका हल निकाल लिया जाएगा। उमेश मैदान पर ट्रेनिंग शुरू होने के बाद इसका हल निकालने को लेकर आश्वस्त हैं। हालांकि उमेश का मानना है कि लार पर बैन के साथ अचानक से खेल शुरू करना मुश्किल भी होगा। टीम इंडिया ने अभी तक प्रैक्टिस शुरू नहीं की है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में क्या फर्क है।

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उमेश ने कहा, 'हां, लार के बिना अचानक फिर से खेल शुरू करना मुश्किल होगा। हमने अब तक प्रैक्टिस शुरू नहीं की है। एक बार जब मैं मैदान पर उतर जाऊं और लार के इस्तेमाल के बिना खेलने की प्रैक्टिस शुरू कर दूं तो फिर मुझे पता चलेगा कि इसका क्या असर है। पुरानी गेंद के साथ यह अब भी ठीक है, लेकिन नई गेंद के साथ, मुझे नहीं पता कि लार को हटाने के बाद यह कितना चमकेगी।' उन्होंने कहा, 'सफेद गेंद कम स्विंग होती है, इसलिए टी20 फॉर्मैट के लिए यह ठीक है। लेकिन असली मुश्किल उस समय होगी जब हम टेस्ट मैच खेलेंगे। अगर हम लार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो फिर गेंद को स्विंग कराने के लिए हमें नई तकनीकों के बारे में सोचना होगा। एक बार अभ्यास शुरू हो जाए तो हमें पता चल जाएगा कि इससे कैसे निपटना है।'

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'लॉकडाउन के बाद फील्डिंग और गेंदबाजी थोड़ी मुश्किल होगी'

यह पूछे जाने पर कि लॉकडाउन के कारण काफी लंबे समय बाद मैदान पर लौटना और अपने पुराने फॉर्म को वापस पाना कितना मुश्किल होगा, तेज गेंदबाज ने कहा कि गेंदबाज के रूप में कड़ी मेहनत और मांसपेशियों पर ध्यान लगाना अहम होगा। उन्होंने कहा, 'एक पेशेवर के रूप में जब भी आप मैदान पर जाते हैं तो आप अपना 100 फीसदी देना चाहते हैं। लेकिन साथ ही आपको इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि लॉकडाउन के बाद से आप उस तरह से प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं, जैसे कि पहले करते थे। इसलिए शारीरिक रूप में गेंदबाजी करना और फील्डिंग करना थोड़ा मुश्किल होगा। लॉकडाउन के बाद जब हम मैदान पर लौटेंगे तो हम इस पर काम करना शुरू कर देंगे।'

'धोनी की कप्तानी में शुरू किया करियर'

उमेश ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आईपीएल होगा क्योंकि इससे इंटरनैशनल क्रिकेट खेलने से पहले खिलाड़ियों को एक सही ट्रेनिंग का मौका मिलेगा। 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में करियर की शुरुआत करने वाले उमेश ने भारत के लिए अब तक 46 टेस्ट, 75 वनडे और सात टी20 इंटरनैशनल मैच खेले हैं। उमेश को महेंद्र सिंह धोनी के अलावा विराट कोहली की कप्तानी में भी खेलने का मौका मिल रहा और दोनों में फर्क पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैंने माही भाई के मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत की थी। लोग उन्हें कैप्टन कूल कहते हैं। मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है, जिसे मैं कोहली के मार्गदर्शन में अमल में ला रहा हूं। विराट भी शानदार कप्तान हैं। वो काफी आक्रामक हैं। हमारी शारीरिक भाषा, हमारी सोच, सभी मैच। उनके मार्गदर्शन में खेलना अच्छा है।'

'टीम में जगह बनाने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होना अच्छी बात'

उमेश ने भारत की गेंदबाजी इकाई को लेकर कहा कि इसका हिस्सा बनने पर उन्हें गर्व है और वो टीम में जगह बनाने के लिए स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा को पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, 'अब हमारा बॉलिंग डिपार्टमेंट काफी मजबूत है और सभी गेंदबाज शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसलिए मेरा मानना है कि तेज गेंदबाजों के बीच टीम में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा है। जब मैं प्रैक्टिस करता हूं तो प्रतिस्पर्धा के हिसाब से हर दिन इसमें सुधार करता हूं।'
 

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