टीम इंडिया को जल्द से जल्द सीख लेनी चाहिए ये 10 बातें, नहीं तो हो जाएगी देर
भारत में अगले साल वनडे विश्व कप होना है, लेकिन टीम इंडिया की तैयारी धराशायी नजर आ रही है। टीम इंडिया के अंदर मैच जीतने वाली आग नजर नहीं आ रही है, जिसे हर खिलाड़ी को अपने अंदर जलाना होगा।

भारत की सरजमीं पर अगले साल आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप खेला जाएगा, लेकिन इसके लिए मेजबान टीम इंडिया की तैयारी ढाक के तीन पात जैसी नजर आ रही है। पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप के बाद कप्तान जरूर बदला है, लेकिन वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में पूरी तरह से टीम तितर-बितर नजर आई है। टीम इंडिया के अंदर वो आग नजर नहीं आ रही है, जो कि एक विश्व कप जीतने की दावेदार टीम के अंदर नजर आती है। यहां तक कि बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम लगातार दो वनडे मैच हारकर तीन मैचों की सीरीज गंवा बैठी है। ऐसे में जान लीजिए वो 10 बातें, जो टीम को जल्द से जल्द सीख लेनी चाहिए।
1. टॉप ऑर्डर फेल तो...
भारतीय टीम के साथ कई बार देखा गया है कि अगर टॉप ऑर्डर फेल हो जाता है तो फिर टीम भी फेल हो जाती है। ऐसा ही कुछ बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में दिखा जब ओपनिंग पर आए विराट कोहली के बाद शिखर धवन आउट हुए तो विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया। इससे बचने के लिए टीम इंडिया के पास प्लान बी भी होना चाहिए।
2. केएल के साथ खेल
टीम मैनेजमेंट ने पहले राहुल को बैकअप ओपनर के रूप में देखा था, लेकिन बीच में उनसे नंबर 5 पर बल्लेबाजी कराई गई। फिर से वे ओपन करने लगे, लेकिन अब एक बार फिर केएल राहुल नंबर 5 पर खेल रहे हैं। यहां तक कि जब रोहित बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में चोटिल थे, तो भी स्पेशलिस्ट ओपनर होने के बावजूद उनको नंबर 5 पर ही रखा गया। अगर उनको मध्य क्रम में ही आजमाना है तो फिर उनको इसी क्रम पर लगातार मौके देने होंगे और उनका स्थान सुनिश्चित करना होगा कि क्या वे वहां सही हैं या फिर सिर्फ बैकअप ओपनर टीम का हिस्सा होंगे।
3. गेंदबाजी कमजोर
भारतीय टीम का गेंदबाजी डिपार्टमेंट इस समय काफी कमजोर नजर आ रहा है। जसप्रीत बुमराह चोट के कारण बाहर हैं। युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव कभी तो स्कीम ऑफ थिंग्स का हिस्सा होते हैं, कभी टीम से बाहर कर दिए जाते हैं। जडेजा भी चोटिल हैं। भुवनेश्वर कुमार वनडे लायक नहीं समझे जाते, और जो खेल रहे हैं, वे कम ही मैचों में प्रभाव छोड़ पा रहे हैं। गेंदबाजी में भारतीय टीम की सबसे बड़ी समस्या डेथ ओवर्स की है। बांग्लादेश जैसी कमजोर कही जाने वाली टीम के खिलाफ भी देखें तो पहले मैच में भारतीय गेंदबाज आखिरी विकेट नहीं निकाल पाए थे और दूसरे मैच में सातवें विकेट के लिए तरस गए थे।
4. चोट है समस्या
कप्तान रोहित शर्मा ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में भी चोट को लेकर अपनी बात रखी कि हमें देखना होगा कि लगातार खिलाड़ियों क्यों चोटिल हो रहे हैं। बड़े-बड़े इवेंट से पहले खिलाड़ी चोटिल हो जाते हैं, लेकिन आईपीएल जैसा लंबा टूर्नामेंट खेलते हैं। ऐसे में बोर्ड भी ध्यान देना होगा कि खिलाड़ी क्यों चोटिल हो रहे हैं और क्यों रिकवर होने के बाद फिर से चोटिल हो जा रहे हैं।
5. वर्कलोड मैनेजमेंट
हर कोई खिलाड़ी वर्कलोड की बात कर रहा है, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये भी है कि सभी खिलाड़ी आईपीएल खेलते हैं और इस साल भी खेलेंगे। वहीं, जब देश के लिए क्रिकेट खेलने की बात आती है तो वे आराम मांगते हैं। आराम जरूरी भी है, लेकिन आपको पहले ये तय करना होगा कि क्या प्राथमिकता है और कब आपको आराम लेना है।
6. एक टीम खिलाना
पिछले तीन साल की बात करें तो करीब 3 दर्जन खिलाड़ियों ने भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया है या फिर इंटरनेशनल क्रिकेट में भाग लिया है। यहां तक कि बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मैच में भी कुलदीप सेन को डेब्यू कैप मिली थी। ऐसे में वनडे विश्व कप से पहले आपको एक कोर ग्रुप के साथ ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने चाहिए, ना कि हर एक मैच में नई टीम उतरे। अगर शिखर धवन के साथ ही आपको वनडे विश्व खेलना है तो उन्हें ही लगातार मौके मिलने चाहिए।
7. ऑलराउंडर कौन?
बांग्लादेश के खिलाफ मौजूदा सीरीज में हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा नहीं है तो आपके तीसरे और चौथे ऑलराउंडर कौन हैं, ये आपको जल्द से जल्द तय करना होगा। आप किसी को एक या दो मैच खिलाकर उसको वर्ल्ड कप के लिए नहीं ले जा सकते। जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ पांड्या और जडेजा के साथ उतरें, तीन ऑलराउंडर भी टीम का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन उनको मैच टाइम जरूर देना होगा।
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8. सलेक्शन पर ध्यान
टीम के चयनकर्ताओं को भी ये सोचना होगा कि आप किस खिलाड़ी को चुन रहे हैं और किस आधार पर टीम के साथ ट्रेवल करा रहे हैं। मौजूदा दौरे को ही देखें तो ईशान किशन न्यूजीलैंड में वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं थे, लेकिन यहां वे सीरीज का हिस्सा हैं, जबकि संजू सैमसन वहां बैकअप विकेटकीपर थे, लेकिन वे इस सीरीज में नहीं हैं। ऐसा ही शार्दुल ठाकुर के साथ हुआ है। इन सब चीजों से सलेक्टर्स को बचना होगा।
9. रोहित की कप्तानी
एक बात पिछले कुछ मैचों में नोटिस की गई है कि जब रोहित शर्मा का चेहरा बीच मैच में गिर जाता है तो फिर टीम के बाकी खिलाड़ी भी हतोत्साहित नजर आते हैं। यहां तक कि रोहित की कप्तानी एशिया कप 2022 के बाद से ही सवालों के घेरे में रही है, क्योंकि उनकी कप्तानी में टीम एशिया कप के बाद टी20 वर्ल्ड कप भी हारी थी। रोहित को अपने कुछ फैसलों के बारे में भी सोचना चाहिए, क्योंकि वे कई बार छठे गेंदबाज से गेंदबाजी भी नहीं कराते हैं।
10. रोहित की फॉर्म
जब से रोहित शर्मा टीम इंडिया के कप्तान बने हैं, उनकी फॉर्म भी अच्छी नहीं रही है। वे एक भी शतक नहीं लगा सके हैं। हालांकि, साढ़े 1100 से ज्यादा रन उन्होंने बनाए हैं, लेकिन उनका औसत 30 से भी कम है, जबकि 8 ही अर्धशतक वे अब तक कप्तान बनने के बाद जड़ पाए हैं। ऐसे में एक टीम लीडर को ये भी देखना चाहिए कि वे टीम के लिए रन बनाएं और टीम को फ्रंट से लीड करें।