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सुनील गावस्कर बोले- मेरी जिंदगी में ऐसा कुछ नहीं जिस पर बायोपिक बने

भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि उनकी जिंदगी में ऐसा कुछ रोचक नहीं, जिसके आधार पर उनके जीवन पर आधारित बायोपिक बनाई जा सके। क्रिकेट की दुनिया से महेंद्र सिंह धौनी, सचिन तेंदुलकर और...

सुनील गावस्कर बोले- मेरी जिंदगी में ऐसा कुछ नहीं जिस पर बायोपिक बने
एजेंसी,नई दिल्लीSun, 17 Mar 2019 12:01 AM
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भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि उनकी जिंदगी में ऐसा कुछ रोचक नहीं, जिसके आधार पर उनके जीवन पर आधारित बायोपिक बनाई जा सके। क्रिकेट की दुनिया से महेंद्र सिंह धौनी, सचिन तेंदुलकर और कपिल देव पर बायोपिक बन चुकी है और क्रिकेटरों पर लगातार बायोपिक बनाने का चलन बॉलीवुड में बढ़ता जा रहा है।

गावस्कर ने आईएएनएस से कहा, “मैं सच में अपने ऊपर बायोपिक के पक्ष में नहीं हूं। मेरा जीवन काफी नियमित है। इसमें कुछ रोचक नहीं। एक दर्शक के तौर पर मैं इसे पर्दे पर देखना भी पसंद नहीं करूंगा। तो फिर लोग क्यों पसंद करेंगे? कई बार लोगों ने मुझसे बायोपिक के सम्बंध में बात की लेकिन मैं मानता हूं कि मेरा जीवन बायोपिक के लिए रोचक नहीं है।” निर्देशक कबी खान इन दिनों 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम की उपलब्धि पर बायोपिक बना रहे हैं। विश्व कप जीतने वाली टीम में गावस्कर भी शामिल रहे हैं।

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यह पूछे जाने पर कि क्या वह कबीर खान से मिले हैं, गावस्कर ने कहा, “हां मैं कबीर से मिला हूं और हमारी बातचीत 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम पर केंद्रित रही। हमने विश्व कप टूर्नामेंट के बारे में बात की और साथ ही विश्व कप में हमारी टीम के सफर पर बात की।”

टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हजार रन पूरे करने वाले गावस्कर ने कहा, “लेकिन हमारी मुलाकात आगे भी होगी और हमारी बातचीत का विषय टीम और उसकी सफलता ही होगी।”

फिल्मकार करण जौहर के टेलीविजन कार्यक्रम काफी विद करन में क्रिकेटर स्टार हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल के शामिल होने और उस कार्यक्रम में पांड्या और राहुल द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर गावस्कर ने कहा कि करियर की शुरुआत में कुछ खिलाड़ियों के लिए स्टारडम सम्भालना मुश्किल होता है।

गावस्कर ने कहा, “मुझे यहां बताना होगा कि किसी भी खिलाड़ी के करियर के शुरुआती दौर में स्टारडम को सम्भालना काफी मुश्किल होता है। आपको अपने खेल में लगातार सुधार करना होता है और एक खिलाड़ी के तौर पर लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होता है। ऐसे में सीनियर खिलाड़ियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करें। पुराने खिलाड़ियों को पता होता है कि ऐसे हालात से कैसे निपटना है क्योंकि वे पहले इस तरह के हालात से गुजर चुके होते हैं।”

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टी-20 के समय में टेस्ट क्रिकेट की प्रासंगिकता के बारे में गावस्कर ने कहा, “हर युवा को पता होना चाहिए कि क्रिकेटर को इतिहास में टेस्ट क्रिकेट के उसके प्रदर्शन के आधार पर याद किया जाएगा। यह प्रारूप उत्कृष्ट है, लेकिन नई पीढ़ी टी-20 एवं वनडे क्रिकेट बहुत खेल रही है और अधिक रन भी बना रही है। इस कारण से टेस्ट क्रिकेट में भी अधिक नतीजे निकल रहे हैं, पहले ज्यादा मैच ड्रॉ होते थे।”गावस्कर ने कहा, “इसने टेस्ट क्रिकेट अधिक रोमांचक भी बनाया है।”
 

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