फोटो गैलरी

Hindi News क्रिकेटLok Sabha Chunav 2019: खिलाड़ियों का भी राजनीति से रहा है गहरा नाता

Lok Sabha Chunav 2019: खिलाड़ियों का भी राजनीति से रहा है गहरा नाता

चुनावी मौसम में यह पुरानी कहावत बेमानी हो जाती है कि खेल और राजनीति को अलग-रखना चाहिए, क्योंकि खिलाड़ियों का राजनीति से गहरा और पुराना नाता रहा है। जहां एक तरफ राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कीर्ति आजाद और...

Lok Sabha Chunav 2019: खिलाड़ियों का भी राजनीति से रहा है गहरा नाता
एजेंसी,नई दिल्लीTue, 19 Mar 2019 09:01 AM
ऐप पर पढ़ें

चुनावी मौसम में यह पुरानी कहावत बेमानी हो जाती है कि खेल और राजनीति को अलग-रखना चाहिए, क्योंकि खिलाड़ियों का राजनीति से गहरा और पुराना नाता रहा है। जहां एक तरफ राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कीर्ति आजाद और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे खिलाड़ी तो राजनीति में भी अनुभवी हो गए हैं, वहीं इस बार क्रिकेटर गौतम गंभीर, हरभजन सिंह जैसे नए नाम भी सामने आ सकते हैं।

खिलाड़ियों के राजनीति में आने को लेकर ओलंपिक रजत पदक विजेता और केंद्रीय मंत्री राठौड़ ने कहा, ''मुझे लगता है कि खिलाड़ियों में देश के लिए कुछ करने की ललक होती है।चाहे वे खेल के मैदान पर हों या राजनीति में। यह भाव उनके भीतर रहता है।''

Lok Sabha Chunav 2019:  बीजेपी से टिकट मिलने की अटकलों पर गौतम गंभीर ने दिया ये जवाब 

16वीं लोकसभा में राठौड़ के अलावा पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद (भाजपा से कांग्रेस में आए) , पूर्व फुटबॉल कप्तान प्रसून बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस) और राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज के नारायण सिंह देव (बीजद) सदस्य थे। डबल ट्रैप निशानेबाज राठौड़ 2017 में देश के पहले ऐसे खेलमंत्री बने, जो खिलाड़ी रहे हें। वह सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी हैं।

उन्होंने कहा, ''यह अच्छी बात है कि खिलाड़ी भी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। खिलाड़ी होने के कारण वे अनुशासित और अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र रहते हैं।'' जयपुर ग्रामीण से पहली बार संसद में आए राठौड़ ने कहा, ''वे काम में विश्वास करते हैं और यह अच्छे नेता की निशानी है।''

15वीं लोकसभा में आजाद और देव के अलावा पूर्व क्रिकेट कप्तान अजहरूद्दीन (कांग्रेस)और नवजोत सिंह सिद्धू (भाजपा) भी सदसय थे।अजहर 2014 में भी मुरादाबाद से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए। दूसरी ओर सिद्धू 2014 में लोकसभा का टिकट नहीं मिलने के बाद राज्यसभा के सदस्य थे लेकिन अब भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ गए हैं।

इससे पहले 2004 में एथलीट ज्योर्तिमय सिकदर पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से चुनाव जीती थी। पूर्व हॉकी कप्तान असलम शेर खान 1984 में लोकसभा सदस्य थे और 1991 में भी जीते लेकिन उसके बाद चार चुनाव हार गए।क्रिकेटर चेतन चौहान 1991 और 1998 में अमरोहा से चुनाव जीते। पूर्व हॉकी कप्तान दिलीप टिर्की ओडिशा से राज्यसभा सदस्य थे।छह बार की विश्व चैंपियन एम सी मेरीकोम भी राज्यसभा सदस्य रही। ऐसी अटकलें हैं कि गंभीर इस चुनाव में अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कर सकते हैं।

हरभजन सिंह को बीजेपी ने इस सीट से चुनाव लड़ने का दिया ऑफर, तो भज्जी ने दिया ये जवाब

क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवा सोलंकी ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। वह विवादास्पद कर्णी सेना की महिला शाखा की अध्यक्ष भी रह चुकी है। पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ 2009 में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़े लेकिन हार गए।मशहूर फुटबालर बाईचुंग भूटिया 2014 में तृणमूल कांगेस के उम्मीदवार थे, लेकिन हार गए।

पूर्व राष्ट्रीय तैराकी चैंपियन और अभिनेत्री नफीसा अली 2004 में कांग्रेस और 2009 में सपा की उम्मीदवार रही, लेकिन दोनों बार हार गई। इस बार खिलाड़ियों पर लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने की भी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, महेंद्र सिंह धौनी, रोहित शर्मा, वीरेंद्र सहवाग, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट से मतदान के लिए जागरुकता जगाने की अपील की है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें