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'हितों के टकराव' नियम पर सौरव गांगुली ने रखी अपनी राय, दिया रिकी पोंटिंग का उदाहरण

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने रिकी पोंटिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि हितों के टकराव का नियम व्यावहारिक होना चाहिए। गांगुली ने कहा कि पोंटिंग ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के साथ आईपीएल से...

'हितों के टकराव' नियम पर सौरव गांगुली ने रखी अपनी राय, दिया रिकी पोंटिंग का उदाहरण
भाषा।,मुंबई। Fri, 23 Aug 2019 08:22 PM
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने रिकी पोंटिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि हितों के टकराव का नियम व्यावहारिक होना चाहिए। गांगुली ने कहा कि पोंटिंग ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के साथ आईपीएल से भी जुड़े हुए हैं। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के साथ सौरव गांगुली को भी बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष और आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़े होने के कारण हितों के टकराव का नोटिस दिया गया था।

गांगुली ने हितों के टकराव पर रखी राय     
इससे पहले इस पूर्व कप्तान ने बीसीसीआई के आचरण अधिकारी सेवानिवृत न्यायधीश डीके जैन द्वारा हितों के टकराव का नोटिस जारी करने पर नाखुशी जताई। सौरव गांगुली से जब पूछा गया कि क्या खेल के दिग्गजों के लिए नियमों में कुछ अपवाद होना चाहिए? उन्होंने जवाब दिया, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि नियमों में कुछ अपवाद होना चाहिए लेकिन नियम व्यावहारिक होने चाहिए।'

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'कोचिंग या कॉमेंट्री हितों का टकराव नहीं'         
गांगुली ने कहा, 'राहुल द्रविड़ को एनसीए का अध्यक्ष बनाया गया है और इंडिया सीमेंट्स के साथ उनकी नियुक्ति को लेकर टकराव की स्थिति बन गई। आपको ऐसे मामलों में व्यावहारिक होना होगा। आपको पहले से पता नहीं होता है कि आप एनसीए प्रमुख बनेंगे या नहीं। तीन साल के बाद एनसीए प्रमुख नहीं रहेंगे लेकिन यह नौकरी (इंडिया सिमेंट) आपके साथ होगी। गांगुली ने कहा कि उनका मानना है कि कोचिंग और कॉमेंट्री हितों के टकराव के तहत नहीं आता। 

'आप पोंटिंग को उदाहरण के तौर पर देखें'     
उन्होंने कहा, 'इसका व्यावहारिक हल निकालना होगा। जब आप कॉमेंट्री या कोचिंग करते हैं तब मुझे नहीं लगता कि यह हितों के टकराव का मुद्दा है। जब आप पूरी दुनिया को देखेंगे तो रिकी पोंटिंग को देखिए। वह ऑस्ट्रेलिया के कोच हैं, एशेज में कॉमेंट्री कर रहे हैं और अगले साल अप्रैल में दिल्ली कैपिटल्स के साथ होंगे। मैं इसे हितों का टकराव नहीं मानता हूं, क्योंकि यह सभी कौशल वाले काम हैं। कॉमेंट्री, कोचिंग या किसी फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ने का फैसला आपका नहीं होता है। आपको आपके कौशल के कारण चुना जाता है।'

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