ग्रेग चैपल के साथ विवादों पर बोले सौरव गांगुली, कोई भी आपका करियर बर्बाद नहीं कर सकता
गांगुली ने शुक्रवार को अपना 50वां जन्मदिन लंदन में अपने दोस्तों और परिवार के साथ मनाया। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। इस चर्चा में ग्रेग चैपल के साथ विवादों पर भी उन्होंने बातचीत की।

इस खबर को सुनें
बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को देश के सबसे सफल कप्तानों में शुमार किया जाता है। भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा में बदलने में उनका अहम योगदान रहा है। गांगुली ने शुक्रवार, 08 जुलाई को अपना 50वां जन्मदिन लंदन में अपने दोस्तों और परिवार के साथ मनाया। इस दौरान उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ कई मुद्दों पर बात की। इस चर्चा में ग्रेग चैपल के साथ विवादों पर भी उन्होंने बातचीत की।
सौरव गांगुली ने पांचवें टेस्ट में भारत की हार पर दिया ये बयान
सवाल : 1992 और 1996 के दौरान और फिर ग्रेग चैपल के समय करीब एक साल के लिए जब आप भारतीय टीम से बाहर थे, क्या आपको कभी महसूस हुआ कि बाहरी ताकतें आपका करियर खत्म करने की कोशिश कर रही थीं। क्या आप गुस्सा महसूस करते हो या आपको उस चरण के लिये कोई शिकायत है?
जवाब : मैंने जिंदगी में एक बात सीखी है। कोई भी आपका करियर बर्बाद नहीं कर सकता। अगर आप में हुनर, आत्मविश्वास है तो भाग्य आपके हाथों में है।
सवाल : क्या आपको 2008 में संन्यास लेने का पछतावा है क्योंकि तब आप शायद टेस्ट क्रिकेट में अपनी सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी कर रहे थे जिसमें आपने इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ और घरेलू सरजमीं पर पाकिस्तान (मैन ऑफ द सीरीज) के खिलाफ रन जुटाए और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार अंतिम पारी खेली थी?
जवाब : मैं खुद के बारे में एक चीज आपको बता सकता हूं। मुझे अपनी जिंदगी में किसी भी चीज का पछतावा नहीं हुआ है। अगर मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बाद संन्यास लिया तो तब मैं अपने शिखर पर था। आप टेस्ट मैचों के बारे में बात कर रहे हो, आपको बताना चाहूंगा कि मैंने 2007 सत्र में करीब 1250 रन बनाये थे, जब मुझे वनडे टीम से बाहर कर दिया गया था। मैंने 50 ओवर के क्रिकेट में उस साल 12 अर्धशतक बनाये थे।
सवाल : क्या आप ड्रेसिंग रूम 'मिस' करते हो?
जवाब : मैं ड्रेसिंग रूम 'मिस' नहीं करता। मैंने कभी किसी चीज को 'मिस' नहीं किया। कुछ भी हमेशा नहीं रहता। हर चीज का अंत होता है। मेरा करियर शानदार रहा और समय आगे बढ़ने का था और मैं खुश हूं कि मैंने शिखर पर अपना करियर खत्म किया।