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Hindi News क्रिकेट'आप द्रविड़ को युवराज की तरह नहीं बना सकते या युवराज को द्रविड़ नहीं बना सकते'

'आप द्रविड़ को युवराज की तरह नहीं बना सकते या युवराज को द्रविड़ नहीं बना सकते'

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एकमाना जाता है। उन्होंने टीम की कप्तानी उस समय संभाली, जब भारतीय क्रिकेट मैच फिक्सिंग की वजह से...

'आप द्रविड़ को युवराज की तरह नहीं बना सकते या युवराज को द्रविड़ नहीं बना सकते'
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 04 Jun 2020 08:53 AM
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टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एकमाना जाता है। उन्होंने टीम की कप्तानी उस समय संभाली, जब भारतीय क्रिकेट मैच फिक्सिंग की वजह से जूझ रहा था। गांगुली ने उस समय टीम में जीत का विश्वास पैदा किया। गांगुली के नेतृत्व में भारत ने कई अहम जीतें दर्ज कीं। 2002 की नेटवेस्ट सीरीज जीत और 2003 के विश्व कप में फाइनल तक ले जाना इनमें अहम हैं। उन्होंने कप्तानी पर आक्रामक शैली से एक नई छाप छोड़ी। हाल ही में एक ऑनलाइन लेक्चर के दौरान सौरव गांगुली ने कप्तानी, क्रिकेट और खिलाड़ियों को लेकर कई बातें शेयर कीं।

पूर्व भारतीय कप्तान ने अनेक युवा खिलाड़ियों को अपने कार्यकाल में आगे बढ़ाया। इसी के चलते भारतीय टीम एक मजबूत ताकत बनी। पूर्व ऑल राउंडर युवराज सिंह भी टीम में उसी समय आए और एक बेस्ट ऑल राउंडर बने। युवराज 2011 के विश्व कप में भारत की जीत के अहम खिलाड़ी थे। उन्हें 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' अवॉर्ड दिया गया था। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 362 रन बनाए और 15 विकेट लिए। 

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हाल ही में एक लीडरशिप समिट के दौरान ऑनलाइन लेक्चर देते हुए गांगुली ने युवराज सिंह का उदाहरण दिया। बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष ने जोर देकर कहा, ''कप्तान के रूप में मैं युवराज से यह उम्मीद नहीं कर सकता था कि वह लीजेंडरी राहुल द्रविड़ की तरह व्यवहार करें। युवराज को अपनी आक्रामकता के लिए जाना जाता था। दूसरी तरफ द्रविड़ अपने काम से काम रखने वाले शांत खिलाड़ी थे।''

उन्होंने कहा, ''एडेप्टेबिलिटी नेतृत्व का एक बड़ा गुण है। किसी कप्तान को टीम के सदस्यों की स्वाभाविक प्रतिभा को पहचानना होता है। आप राहुल से युवराज की तरह के खेल की उम्मीद नहीं कर सकते और न ही युवराज से राहुल की तरह।''

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सौरव गांगुली ने 146 वनडे और 49 टेस्ट मैचों में देश की कप्तानी की। उन्होंने कहा, ''कप्तान अपनी गलतियों से सीखता है और असफलताएं उसे आगे बढ़ने से नहीं रोकतीं।'' गांगुली ने कहा, ''महान से महान लीडर भी गलतियां करता है, लेकिन उसकी नीयत ठीक होनी चाहिए। आपको अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और बाकी चीजों को पीछे छोड़ देना चाहिए तभी आप अपना बेहतर वर्जन साबित हो सकते हैं। हार से आपका मनोबल नहीं टूटना चाहिए, विकास करने का यही रास्ता है। असफलताओं से सीखना ही आपके लिए सफलता का मार्ग खोलता है।''

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