विश्व क्रिकेट में 1990 और 2000 के दशक में शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन दो दिग्गज स्पिनर माने जाते थे। श्रीलंका के मुरलीधरन ने 133 टेस्ट में 800 विकेट लेकर सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया, जबकि वॉर्न 708 विकेट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। शेन वॉर्न को वनडे में टेस्ट जितनी ही सफलता मिली, लेकिन श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने दोनों के बारे में बात करते हुए कहा कि शेन वॉर्न के पास मुथैया मुरलीधरन जितनी विविधता नहीं थी।
महेला जयवर्धने ने संजय मांजरेकर के साथ ईएसपीएनक्रिकइंफो के वीडियोकास्ट के दौरान कहा, ''मुरलीधरन चैंपियन गेंदबाज थे। वह अपने खेल को अलग स्तर तक ले जाते थे। शेन वॉर्न के पास मुरली जितनी विविधता नहीं थी। मुरली जानते थे कि वह क्या कर रहे हैं, उन्हें बल्लेबाज को अपने जाल में फंसा लेने का विश्वास रहता था। यदि उन्हें किसी बल्लेबाज को आउट करने के लिए 10 ओवर तक इंतजार करना पड़े तो वह करते थे।''
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उन्होंने आगे कहा, ''शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन दो अलग शख्सियतें थीं। वार्न संतुलित लेग स्पिनर थे, लेकिन वह इस योनजा के साथ गेंदबाजी करते थे कि बल्लेबाज उन्हें हिट करने वाला है और मैं उसे आउट कर दूंगा। वह शायद यह जानते थे कि मेरे पास मुरली जितनी विविधता नहीं है।''
मुथैया मुरलीधरन के बारे में महेला जयवर्धने ने साथ ही कहा कि इस महान स्पिनर को कुछ भी ऐसा करने के लिए मनाना मुश्किल होता था, जिसे लेकर वह स्पष्ट नहीं होते थे। मुरलीधरन ने 133 टेस्ट मैचों में श्रीलंका का प्रतिनिधित्व कर 22.72 की औसत से 800 विकेट लिए हैं। वे टेस्ट क्रिकेट के सबसे सफल गेंदबाज हैं। मुरलीधरन ने 350 इंटरनेशनल वनडे मैचों में 23.08 की औसत से 534 विकेट हासिल किए हैं। इस लिस्ट में पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज वसीम अकरम 502 शिकारों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
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जयवर्धने ने 2007 और 2011 का विश्व कप फाइनल खेला। उन्होंने 2014 की आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप जीता। दो दशक के अपने करियर के दौरान गेंदबाजी आक्रमण के बारे में जयवर्धने ने कहा, ''अगर आप आधुनिक क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट हासिल करने वाले शीर्ष 10 गेंदबाजों को देखें तो वे सभी उस युग (करियर के पहले हाफ में) में खेले।''
उन्होंने कहा, ''मैं वाल्श और कपिल का सामना नहीं कर पाया, क्योंकि मैंने उनके संन्यास के तुरंत बाद खेलना शुरू किया।'' जयवर्धने ने कहा, ''(मुथैया) मुरलीधरन, (शेन) वॉर्न, (ग्लेन) मैकग्रा, अनिल (कुंबले), भज्जी (हरभजन सिंह), सकलैन (मुश्ताक), वसीम (अकरम), वकार (यूनिस) मौजूद थे, उनके आंकड़े सब कुछ खुद बयां करते हैं।''