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Hindi News क्रिकेट6 मैच में 4 शतक और 982 रन बनाकर सरफराज खान ने जीता प्लेयर ऑफ द सीरीज, फाइनल के बाद पिता को बोला थैंक्यू

6 मैच में 4 शतक और 982 रन बनाकर सरफराज खान ने जीता प्लेयर ऑफ द सीरीज, फाइनल के बाद पिता को बोला थैंक्यू

सरफराज खान ने मुंबई की ओर से खेलते हुए रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाए। इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज ट्रॉफी मिली। सरफराज ने 9 पारियों में 982 रन बनाए।

6 मैच में 4 शतक और 982 रन बनाकर सरफराज खान ने जीता प्लेयर ऑफ द सीरीज, फाइनल के बाद पिता को बोला थैंक्यू
Himanshu Singhलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSun, 26 Jun 2022 06:04 PM

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मध्य प्रदेश ने रविवार को पांचवें और अंतिम दिन घरेलू क्रिकेट की दिग्गज टीम मुंबई को फाइनल में छह विकेट से हराकर पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीतकर इतिहास रचा। कोच चंद्रकांत पंडित ने इसी मैदान पर 23 साल पहले रणजी ट्रॉफी का खिताबी मुकाबला गंवाया था लेकिन इस बार वह चैंपियन टीम का हिस्सा बनने में सफल रहे। अंतिम दिन मुंबई की टीम दूसरी पारी में 269 रन पर सिमट गई, जिससे मध्य प्रदेश को 108 रन का लक्ष्य मिला जिसे टीम ने चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया।

मुंबई के 47वीं बार फाइनल तक पहुंचने में टीम के स्टार बल्लेबाज सरफराज खान का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। सरफराज खान ने रणजी 2022 सीजन में प्लेयर ऑफ द सीरीज ट्रॉफी जीती। उन्होंने 6 मैचों की 9 पारियों में 122.75 की औसत से 982 रन बनाए। इस टूर्नामेंट में सरफराज ने 4 शतक और 2 अर्धशतक लगाए। इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 275 रन रहा। सरफराज खान ने अब तक 24 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं। इस दौरान 35 पारियों में 6 बार नाबाद रहते हुए 2351 रन बनाए हैं।

रणजी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार पाने के बाद सरफराज ने अपने पिता का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वह सिर्फ विकेट पर अधिक समय तक टिके रहना चाहते हैं।

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सरफराज खान ने कहा, ''इसका श्रेय मेरे पिता को जाता है, जोकि वहां खड़े हैं। मैं विकेट पर टिके रहने और स्कोर बनाने पर ध्यान दे रहा हूं। मैं ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना चाहता था और जमीन पर रहते हुए उसी तरह तैयारी करने की कोशिश करता हूं"

सरफराज खान ने मध्यप्रदेश के खिलाफ फाइनल में मुंबई की पहली पारी में शतकीय पारी खेलकर टीम को मुश्किल परिस्थितियों से निकाला था। 134 रन बनाकर आउट होने के बाद उन्होंने कहा था कि मुंबई के लिए फाइनल में शतक बनाना उनका सपना था, जिसे हासिल कर लिया है।

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उन्होंने कहा, "आप सभी जानते हैं कि मैंने रोलर-कोस्टर की सवारी की है। अगर मेरे पिता साथ नहीं होते, तो मैं यहां नहीं होता। जब हमारे पास कुछ नहीं था, तो मैं अपने पिता के साथ ट्रेनों में यात्रा करता था। जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो मैं रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए शतक बनाने का सपना देखा था। वह पूरा हो गया।''
 

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