शतक बनाने का वादा किया था, मंजोत ने वादे को निभाया-संजय भारद्वाज
मंजोत 13 साल का था, तब मेरी अकादमी में वह पहली बार आया था। शांत स्वभाव का मंजोत पिता प्रवीन के साथ उनकी अकादमी में आया था, मंजोत के हर मैच के लिए उसके पिता का बहुत सपोर्ट रहा है। शुरुआत में वह उसे...
मंजोत 13 साल का था, तब मेरी अकादमी में वह पहली बार आया था। शांत स्वभाव का मंजोत पिता प्रवीन के साथ उनकी अकादमी में आया था, मंजोत के हर मैच के लिए उसके पिता का बहुत सपोर्ट रहा है। शुरुआत में वह उसे आजादपुर से अशोक विहार स्थित अकादमी में लेकर आते थे। कूल रहना और कंस्सिटेंट रहना...मंजोत कालरा को इन दो शब्दों के माध्यम से समझा जा सकता है।
‘हिन्दुस्तान’से हुई खास बातचीत में यह बातें मंजोत के कोच संजय भारद्वाज ने बातें अपने शिष्य मंजोत कालरा के बारे में साझा कीं। मंजोत के शतकीय प्रहार से भारत ने अंडर-19 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से रौंद दिया। बकौल संजय- मैच से एक दिन पहले उसने मैच में शतक बनाने का वादा किया था, जो उसने निभाया।
Exclusive- मंजोत कालरा की फैमिली से एक्सक्लूसिव बातचीत
संजय भारद्वाज ने बताया कि मंजोत के साथ सबसे खास बात यह थी कि वह बेहद शांत रहता है। कोचिंग के दौरान भी शायद ही ऐसा कोई दिन रहा जब उसने अपनी प्रैक्टिस मिस की हो। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसने विश्व कप के पहले मैच में 86 रन बनाये थे। तब उनकी उससे बात हुई थी, मंजोत से उन्होंने कहा था कि इस 86 को उसे 100 में बदलना चाहिए था। पाकिस्तान के खिलाफ क्राइस्टचर्च में सेमीफाइनल में भी उसने 47 रन बनाये थे। संजय ने बताया कि इसके बाद भी उनकी ज्यादा बात तो नहीं हुई लेकिन उन्होंने मंजोत से इतना ही कहा था कि जब तक बड़ा स्कोर या शतक नहीं करोगे कोई नहीं जानेगा, बड़े स्कोर के लिए ध्यान केंद्रित करना अहम होगा।
उसने मैच से ठीक एक दिन कहा था कि इस बार वह चूक नहीं करेगा और रन बनाने का मौका मिला तो 100 रन से कम कुछ नहीं होगा। बकौल संजय, उन्होंने अपने वादे को निभाया। बड़ा बनना है तो बड़ा काम करना होगा।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच के बाद अगले तीन मैचो में मंजोत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। उसने तीन मैचों में 18 रन बनाये, जिसमें पपुआ न्यू गिनी के खिलाफ मैच में मौका नहीं मिला, क्या इस दौरान मंजोत पर कोई दबाव था? इस पर संजय ने बताया कि उन्होंने मंजोत को इतना ही समझाया था कि अगर बड़ा खिलाड़ी बनना है तो बड़ा काम करना होगा। अगर उसने आज 60 रन बनाये होते तो मीडिया में भी उसकी इतनी चर्चा नहीं होती।
अशोक विहार स्थित अकादमी में सीखा ककहरा
अशोक विहार स्थित अकादमी में उसने क्रिकेट का ककहरा सीखा। उन्होंने बताया कि उसने अंडर-14 में शानदार प्रदर्शन किया था। इसका नतीजा उसे अंडर-16 में टीम के चयन में मिला। इसके बाद वह न्यूजीलैंड में अंडर-19 क्रिकेट टीम में चुना गया।
कई दिग्गज क्रिकेटर निकले हैं अकादमी से
जिस अशोक विहार स्थित एलबी शास्त्री अकादमी से कालरा निकले हैं। वहां से गौतम गंभीर, अमित मिश्रा, उन्मुक्त चंद जैसे क्रिकेटर भी निकले हैं। आईपीएल 2017 के स्टार रहा नितेश राणा भी यहीं की उपज हैं।