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आज का दिन है सचिन तेंदुलकर के लिए बेहद खास, 17 साल की उम्र में किया था ये कारनामा

14 अगस्त का दिन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)  के लिए बेहद खास है। आज के दिन ही 1990 में सचिन तेंदुलकर ने 17 साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा था। 15 अगस्त यानी भारत की...

आज का दिन है सचिन तेंदुलकर के लिए बेहद खास, 17 साल की उम्र में किया था ये कारनामा
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 14 Aug 2019 12:34 PM
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14 अगस्त का दिन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)  के लिए बेहद खास है। आज के दिन ही 1990 में सचिन तेंदुलकर ने 17 साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा था। 15 अगस्त यानी भारत की ​स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले मात्र 17 साल की उम्र में सचिन ने इंग्लैंड की सरजमीं पर ऐसी पारी खेली थी, जिसे आज भी टेस्ट क्रिकेट की सर्वश्रेष्ठ पारियों में शुमार किया जाता है। यह एक ऐसी पारी थी, जिससे आज भी कई क्रिकेटर प्रेरणा लेते हैं।

सचिन ने 17 साल की उम्र में इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट मैच में हार से बचाया
हम बात कर रहे हैं साल 1990 में 14 अगस्त के दिन इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट मैच की चौथी पारी में सचिन तेंदुलकर द्वारा बनाए गए शतक की। सचिन ने तब मात्र 17 साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया था और भारत को हार से बचाकर टेस्ट मैच को ड्रॉ करवाया था। इस मैच की पहली पारी में इंग्लैंड ने 519 रन बनाए थे, जिसमें माइक एथर्टन ने 131, ग्राहम गूच ने 116 और रॉबिन स्मिथ ने 121 रनों की पारियां खेलीं थीं।

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इंग्लैंड की पहली पारी में भारतीय की तरफ से नरेंद्र हिरवानी ने सबसे ज्यादा 4, जबकि अनिल कुंबले ने 3 विकेट झटके थे। जवाब में भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 432 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी। भारत की तरफ से कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 179, संजय मांजरेकर ने 93 और सचिन तेंदुलकर ने 68 रनों की पारी खेली थी।
 

6वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सचिन ने बनाया था अपना पहला टेस्ट शतक
भारत की पहली पारी में इंग्लैंड की ओर से एंगस फ्रेसर ने सबसे ज्यादा 5 विकेट झटके थे। इस तरह इंग्लैंड ने पहली पारी के आधार पर भारत पर 89 रनों की बढ़त ले ली थी। दूसरी पारी में बैटिंग करने उतरी इंग्लैंड ने 320-4 के स्कोर के साथ अपनी पारी घोषित कर दी और टीम इंडिया को चौथी पारी में 408 रन का लक्ष्य दिया। मैच के पांचवें दिन टीम इंडिया ने 127 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे।

टेस्ट मैच भारत के हाथों से फिसलता हुआ दिखाई दे रहा था। तब नंबर 6 पर बैटिंग करने उतरे सचिन तेंदुलकर ने मनोज प्रभाकर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए नाबाद 216 रनों की साझेदारी निभाई और अपना पहला टेस्ट शतक लगाया। सचिन इस मैच में आखिरी तक 119 रन बनाकर नाबाद रहे थे। वहीं मनोज प्रभाकर ने भी नाबाद 67 रन बनाते हुए टेस्ट को ड्रॉ करवाने में अहम भूमिका निभाई थी।

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