फोटो गैलरी

Hindi News क्रिकेटसचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर का निधन, मुंबई में ली अंतिम सांस

सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर का निधन, मुंबई में ली अंतिम सांस

सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर का 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। आचरेकर का जन्म 1932 में हुआ था। सचिन तेंदुलकर को एक शानदार क्रिकेटर बनाने में आचरेकर का अहम रोल रहा है। मुंबई के शिवाजी पार्क...

सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर का निधन, मुंबई में ली अंतिम सांस
एजेंसी,नई दिल्लीWed, 02 Jan 2019 09:34 PM
ऐप पर पढ़ें

सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर का 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। आचरेकर का जन्म 1932 में हुआ था। सचिन तेंदुलकर को एक शानदार क्रिकेटर बनाने में आचरेकर का अहम रोल रहा है। मुंबई के शिवाजी पार्क में युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित के लिए वह सबसे ज्यादा मशहूर रहे हैं। उनके परिवार की एक सदस्य रश्मि दल्वी ने पीटीआई को फोन पर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आचरेकर अब हमारे साथ नहीं रहें।  

सचिन तेंदुलकर के अलावा उन्होंने विनोद कांबली, प्रवीण आमरे, समीर दिगे और बलविंदर सिंह संधू जैसे क्रिकेटरों के निखारा है। 

सचिन-कांबली की यादों में कोच रमाकांत आचरेकर, पढ़ें 6 यादगार किस्से

बीसीसीआई ने भी ट्वीट कर रमाकांत आचरेकर के निधन पर शोक प्रकट किया है।

हाल ही में सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने एक क्रिकेट अकादमी शुरू की है। इस अकादमी के लिए उन्होंने अपने गुरू रमाकांत आचरेकर का आशीर्वाद उनके घर जाकर लिया था। क्रिकेट में नई प्रतिभाओं की खोज करने से पहले उन्होंने अपने कोच अचरेकर से मुलाकात की ताकि युवाओं को अपने गुरु के सम्मान का महत्व समझ में आ सके। 

तेंदुलकर ने टि्वटर पर इस मुलाकात का कैप्शन शेयर किया। तेंदुलकर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा था, 'उस शख्स के साथ एक खास शाम जिसने हमें बहुत कुछ सिखाया और हमें वह बनाया जो हम आज हैं। मुंबई कैंप की शुरुआत करने के लिए हमें उनके आशीर्वाद की जरूरत है।''

रमाकांत आचरेकर युवा क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणास्रोत रहे हैं। 1988 में सचिन तेंदुलकर और विनोद काबंली ने स्कूल क्रिकेट में 664 रनों की पारी खेलकर नया रिकॉर्ड बनाया खा। सचिन की उम्र उस समय 15 साल से भी कम थी। वहीं, कांबली 16 साल के थे। उन्होंने शारदाश्रम विद्यामंदिर की ओर से खेलते हुए सेंट जेवियर्स के खिलाफ हैरिस शील्ड सेमीफाइनल में क्रमश: 326 और 349 रनों की पारी खेली थी। इस समय उनके कोच रमाकांच आचरेकर ही थे। 

2010 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 1990 में उन्हें क्रिकेट कोचिंग की अपनी सेवाओं के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 12 फरवरी 2010  को उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन द्वारा 'जीवन भर के अचीवमेंट' से सम्मानित किया गया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें