सचिन तेंदुलकर चाहते हैं ओलंपिक में शामिल हो क्रिकेट
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने क्रिकेट को ओलंपिक खेलों में शामिल करने की वकालत की है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अब इस खेल के अलग-अलग प्रारूप है और इसके खेल महाकुंभ...
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने क्रिकेट को ओलंपिक खेलों में शामिल करने की वकालत की है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अब इस खेल के अलग-अलग प्रारूप है और इसके खेल महाकुंभ यानि ओलंपिक (Olympic Games) में शामिल होने से इसका विश्व में अधिक प्रसार होगा।
तेंदुलकर ने 'दीपा करमाकर-द स्माल वंडर' किताब के मुंबई में विमोचन के अवसर पर कहा, ''क्रिकेटर होने के नाते मैं कहूंगा कि खेल का वैश्वीकरण होना चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''कुछ समय पहले मैं रियो ओलंपिक में था। मैंने थॉमस बाक (आईओसी अध्यक्ष) से बात की और उनसे कहा कि मुझे लगता है कि क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किया जाना चाहिए।''
गौतम गंभीर ने वर्ल्ड कप 2019 के लिए की इस स्पिनर की पैरवी
तेंदुलकर ने कहा कि अगर क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करना है तो अन्य टीमों को तैयारियों के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ''बाक के दिमाग में यह बात थी कि पांच दिनी क्रिकेट को कैसे ओलंपिक में शामिल किया जा सकता है। क्रिकेट उन कुछेक खेलों में शामिल हैं जिसके कई प्रारूप हैं जैसे वनडे, टी20, टी10 और जब तक (आईओसी) क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किया जाता है तो हो सकता है कि तब तक पांच ओवरों का खेल भी शुरू हो जाए।''
सचिन तेंदुलकर ने कहा, ''लेकिन क्रिकेटर होने के नाते मुझे लगता है कि यह खेल ओलंपिक में होना चाहिए। मैं निसंदेह ऐसा देखना चाहता हूं।''
विराट कोहली ने लगाई ICC अवॉर्ड की 'हैट्रिक', सचिन तेंदुलकर ने दी बधाई
बता दें कि सचिन तेंदुलकर से पहले भारत के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग भी क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने के पैरवी कर चुके हैं। पिछले साल उन्होंने कहा था कि चार साल में होने वाले ओलंपिक के लिए टी-10 (10-10 ओवर का मैच) प्रारूप ठीक रहेगा।
सहवाग ने कहा था कि जब हम ओलंपिक में क्रिकेट की बात करते हैं तो मुझे लगता है टी-10 सही प्रारूप होगा, क्योंकि मैच 90 मिनट में खत्म हो जाएगा। यह फुटबॉल मैच की तरह होगा और नतीजे भी आएंगे। अगर आईसीसी (ICC) अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से क्रिकेट के बारे में बात करती है तो मुझे लगता है कि यह सही प्रारूप होगा।