अब भारतीय बल्लेबाज गेंदबाजी क्यों नहीं करते? कोच राहुल द्रविड़ ने बताया असली सच
अब भारतीय बल्लेबाज बीच के ओवरों में गेंदबाजी क्यों नहीं करते हैं? इसका जवाब और असली सच कोच राहुल द्रविड़ ने बताया है। उनका कहना है कि अब सर्कल में आपको पांच फील्डर रखने होते हैं।

भारतीय क्रिकेट टीम का 'थिंक टैंक' हाल के वर्षों में ज्यादा से ज्यादा ऑलराउंडर्स को खिलाने पर जोर दे रहा है जिसकी वजह से शीर्ष क्रम के मौजूदा बल्लेबाज गेंदबाजी नहीं करने हैं, जबकि बीते समय में उनके सीनियर क्रिकेटर ऐसा किया करते थे। भारतीय टीम की अक्षर पटेल या वॉशिंगटन सुंदर को मैदान पर उतारने की बेताबी दो चीजों पर आधारित है कि बल्लेबाज इतनी गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं और पुछल्ले बल्लेबाज बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। इस पर टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने बयान दिया है।
कोच राहुल द्रविड़ ने अपनी टीम में विशेषकर विराट कोहली, रोहित शर्मा, श्रेयस अय्यर और सूर्यकुमार यादव (जो गेंदबाजी नहीं करते) के बचाव में कहा, ''मुझे लगता है कि ऐसा नियम बदलने की वजह से हो सकता है। अचानक से ही आप सर्कल के अंदर चार क्षेत्ररक्षकों से पांच क्षेत्ररक्षकों को रखने लगे। मुझे लगता है कि इससे पार्ट टाइम बॉलर की बीच के ओवरों में गेंदबाजी करने की काबिलियत में तेजी से बदलाव हुआ है।''
सूर्यकुमार को कुछ वर्ष पहले मुंबई इंडियंस के मैच के दौरान संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए बुलाया गया था जिसके बाद से उन्होंने कभी गेंदबाजी नहीं की। सूर्यकुमार से पहले शिखर धवन कभी कभार ऑफ स्पिन किया करते थे, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्हें संदिग्ध एक्शन के लिए बुलाया गया और इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी बिल्कुल बंद ही कर दी। वहीं, अगर बीते समय की बात की जाए तो सचिन तेंदुलकर इनस्विंगर, आउटस्विंगर, लेग ब्रेक, ऑफ ब्रेक किया करते थे, जिससे उन्होंने 154 वनडे विकेट झटके।
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सौरव गांगुली ने भी 100 विकेट झटके हैं, जबकि युवराज सिंह की गेंदबाजी ने भारत को 2011 विश्व कप जिताने में अहम भूमिका अदा की, जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में 111 विकेट हासिल किए। ये सभी विशेषज्ञ बल्लेबाज शीर्ष पांच बल्लेबाजी क्रम में शामिल थे। वीरेंद्र सहवाग ने 96 विकेट झटके और सुरेश रैना ने 36 विकेट हासिल किए।
द्रविड़ ने कहा, ''अगर आप याद करो और इन नामों (सचिन, सौरव, सहवाग, युवराज, रैना) की गेंदबाजी का जिक्र इस चरण में करो तो इनमें से ज्यादातर खिलाड़ियों ने तब गेंदबाजी शुरु की जब सर्कल में केवल चार क्षेत्ररक्षक हुआ करते थे। इस कंडीशन (सर्कल के अंदर पांच क्षेत्ररक्षक) में आप कामचलाऊ गेंदबाज गंवा सकते हो और ऐसा हमारे साथ ही नहीं हुआ, बल्कि काफी टीमों ने ऐसा किया। अगर आप ध्यान दो तो अन्य टीमों में भी पार्टटाइम बॉलर्स की संख्या में कमी आयी है। ऐसा सिर्फ भारतीय टीम के लिए नहीं है।''
