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Hindi News क्रिकेटयुवराज सिंह ने आज ही के दिन ऑस्ट्रेलिया का सपना किया था चकनाचूर, 24 साल बाद भारत को मिली थी ऐतिहासिक जीत

युवराज सिंह ने आज ही के दिन ऑस्ट्रेलिया का सपना किया था चकनाचूर, 24 साल बाद भारत को मिली थी ऐतिहासिक जीत

महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने आज के दिन ऑस्ट्रेलिया का लगातार चौथी बार चैंपियन बनने का सपना तोड़ा था, जब ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत ने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।

युवराज सिंह ने आज ही के दिन ऑस्ट्रेलिया का सपना किया था चकनाचूर, 24 साल बाद भारत को मिली थी ऐतिहासिक जीत
Himanshu Singhलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीFri, 24 Mar 2023 03:54 PM
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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में तीन मैचों की वनडे सीरीज समाप्त हुई है, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से जीता। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने घर में भारत के लगातार 7 वनडे सीरीज जीतने के रिकॉर्ड पर भी ब्रेक लगा दिया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हमेशा कांटे की टक्कर देखने को मिलती है, चाहे मैच भारत में हो या ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर। वहीं आज से 12 साल पहले (24 मार्च, 2011) भारत ने भी ऑस्ट्रेलिया के लगातार वर्ल्ड कप जीतने के विजय रथ को रोका था और उसके बाद भारत दूसरी बार वनडे क्रिकेट का चैंपियन भी बना था। भारत को इस फॉर्मेट में दूसरा खिताब दिलाने में युवराज सिंह का बहुत बड़ा हाथ रहा था, जिन्होंने कैंसर जैसी बीमारी से लड़ते हुए भारत को कई मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई थी, खासकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में उनके ऑलराउंड प्रदर्शन की ही बदौलत ही भारत सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब हुआ था। 

भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के लगातार चौथी बार चैंपियन बनने के सपने को कुचल कर रख दिया। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 2011 में हुए वनडे विश्व कप में 5 विकेट से हराया था। ऑस्ट्रेलिया इससे पहले 1999, 2003 और फिर 2007 में विश्व चैंपियन बना था। 2003 में ही ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रन से हराकर लगातार दूसरी बार खिताब जीता था। ये पहली बार था कि क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया हो। इससे पहले 24 साल में ऑस्ट्रेलिया में भारत को लगातार पांच बार वनडे विश्व कप में हराया था।

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2011 में हुए वनडे विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ 50 ओवर में 260 रन बनाए थे। युवराज सिंह ने 10 ओवर में 44 रन देकर ब्रैड हैडिन और माइकल क्लार्क का विकेट चटकाया था। 261 रनों का पीछा करते हुए भारत ने सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की बदौलत अच्छी शुरुआत की। दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 44 रन की साझेदारी हुई। सहवाग 15 रन बनाकर आउट हो गए थे। इसके बाद तेंदुलकर और गौतम गंभीर ने अर्धशतकीय साझेदारी की। सचिन और गंभीर ने अर्धशतक भी पूरे किए। 

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हालांकि लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम विकेट भी गंवा रही थी। हालांकि युवराज सिंह और सुरेश रैना के बीच हुए 74 रन की साझेदारी की बदौलत भारत ने मैच 14 गेंद शेष रहते जीत लिया। युवराज ने 65 गेंद में 57 रन की नाबाद पारी खेली। उन्होंने इस दौरान 8 चौके और विनिंग बाउंड्री भी लगाई। युवराज सिंह के लिए 2011 वनडे वर्ल्ड कप काफी यादगार रहा, क्योंकि उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवॉर्ड मिला था। युवराज सिंह ने 362 रन बनाने के साथ कुल 15 विकेट भी चटकाए थे, जिससे भारत 28 साल के बाद विश्व कप जीतने में कामयाब हुआ। सेमीफाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 29 रन से हराया, जबकि खिताबी मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ 6 विकेट से जीत हासिल की। 

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