फोटो गैलरी

Hindi News क्रिकेटसुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया को जमकर लताड़ा, पिच को लेकर रोने पर कहा- कम से कम यहां कि पिचों से खिलाड़ियों की जान को खतरा नहीं होता

सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया को जमकर लताड़ा, पिच को लेकर रोने पर कहा- कम से कम यहां कि पिचों से खिलाड़ियों की जान को खतरा नहीं होता

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने पिच को लेकर रोने पर ऑस्ट्रेलिया की जमकर वाट लगाई है। गावस्कर ने कहा कि कम से कम यहां कि पिचों से खिलाड़ियों की जान को खतरा नहीं होता है।

सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया को जमकर लताड़ा, पिच को लेकर रोने पर कहा- कम से कम यहां कि पिचों से खिलाड़ियों की जान को खतरा नहीं होता
Namita Shuklaलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 08 Feb 2023 03:50 PM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2023 का अभी आगाज भी नहीं हुआ है, लेकिन उससे पहले ही पिच को लेकर विवाद शुरू हो चुका है। चार मैचों की इस टेस्ट सीरीज का पहला मैच 9 फरवरी से नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (वीसीए) स्टेडियम में खेला जाना है। भारत में जब भी कोई टेस्ट सीरीज खेली जाती है, पिच को लेकर बहस पहले ही शुरू हो जाती है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दो देश ऐसे हैं, जो सबसे ज्यादा स्पिन पिचों को लेकर शिकायत करते हैं। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने पिच को लेकर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व क्रिकेटरों के रोने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

पिछले महीने ही ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर इयान हीली ने कहा था, 'अगर भारत 2017 की तरह ही बिना मतलब वाली पिच बनाता है, तो ऑस्ट्रेलिया यह टेस्ट सीरीज कभी नहीं जीतेगा।' इसके बाद से ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने पिच को लेकर भारतीय टीम को टारगेट किया है। गावस्कर को लगता है यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई है। गावस्कर ने इसको लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया को इस तरह से रोने का कोई हक नहीं है। 

गावस्कर ने मिड-डे में अपने कॉलम में लिखा, 'ऑस्ट्रेलिया ने माइंडगेम खेलना शुरू कर दिया और पिच को लेकर बहस करना शुरू कर दिया। उन्होंने इसको लेकर बात की कि हमने पिछले दौरे पर किस तरह की पिच बनाई थी। ब्रिसबेन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच ऑस्ट्रेलिया ने दो दिन में खत्म कर दिया था। यहां बात सिर्फ यह नहीं कि मैच दो दिन में खत्म हो गया, बल्कि बात यह है कि किस तरह की पिच तैयार की गई थी। जिस तरह से गेंद इधर-उधर उछलकर जा रही थी, वह खिलाड़ियों की जिंदगी और उनके अंग के लिए खतरनाक था। वहीं स्पिन पिचों पर बस बल्लेबाज की प्रतिष्ठा दांव पर लगी होती है, ना कि खिलाड़ियों की जिंदगी और उनके अंग।'

ब्रिसबेन टेस्ट मैच में कुल 143 ओवर का मैच हो पाया था। दक्षिण अफ्रीका ने 152 और 99 रन बनाए थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 218 और चार विकेट पर 35 रन। गावस्कर ने आगे लिखा, 'ब्रिसबेन में दो दिन में खत्म हुए टेस्ट मैच ने दिखा दिया कि दोनों टीमों के बेस्ट से बेस्ट बल्लेबाजों के कलेजे भी मुंह में आ गए थे। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में तब कुछ लोगों ने कहा था कि यह बल्लेबाजों का खेल है, तो ऐसे में गेंदबाजों को ऐसी पिचों पर कुछ मौका मिलता है। तो अगर ऐसा है, तो सबकॉन्टिनेन्ट की पिच को लेकर क्यों किचकिच करनी। स्पिन खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए किसी अग्नि-परीक्षा से कम नहीं है। क्योंकि इससे उसके फुटवर्क का टेस्ट होता है। इसलिए सबकॉन्टिनेन्ट में जो बल्लेबाज सेंचुरी बनाते हैं या बड़ा स्कोर बनाते हैं, उन्हें महान बल्लेबाज समझा जाता है।'

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें