संन्यास लेने से पहले अपने इस सपने को पूरा करना चाहती हैं भारतीय कप्तान मिताली राज
भारत की एक दिवसीय क्रिकेट कप्तान मिताली राज ने कहा है कि उनका पूरा ध्यान अगले साल विश्व कप जीतकर अपने कैरियर का सफलता के शिखर पर अंत करने पर लगा है। भारत दो बार विश्व कप जीतने के करीब पहुंचकर चूक...
भारत की एक दिवसीय क्रिकेट कप्तान मिताली राज ने कहा है कि उनका पूरा ध्यान अगले साल विश्व कप जीतकर अपने कैरियर का सफलता के शिखर पर अंत करने पर लगा है। भारत दो बार विश्व कप जीतने के करीब पहुंचकर चूक गया। मिताली की कप्तानी में भारत 2017 विश्व कप फाइनल में पहुंचा लेकिन मेजबान इंग्लैंड से हार गया। इसके एक साल बाद वेस्टइंडीज में टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई।
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मिताली ने स्टार स्पोटर्स के एक तेलुगू कार्यक्रम में कहा कि 2013 में जब भारत में विश्व कप हुआ था, हम सुपर सिक्स में भी नहीं पहुंचे थे। मुझे बहुत दुख हुआ था। उन्होंने कहा कि मैने सोचा 2017 विश्व कप में कोशिश करते हैं। मैने विश्व कप के लिए बहुत मेहनत की। बतौर खिलाड़ी, कप्तान काफी होमवर्क किया। जब हम फाइनल में पहुंचे तो मैने सोचा कि फाइनल जीतकर मैं संन्यास ले लूंगी।
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उन्होंने कहा कि इतने साल खेलकर मैने सब कुछ पाया सिवाय विश्व कप के। 2021 में मैं फिर कोशिश करूंगी। उम्मीद है कि सभी की शुभकामनाओं से इस बार हम जीत पाएंगे। सैंतीस वर्ष की मिताली ने पिछले साल टी-20 क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उनका मानना है कि बीसीसीआई को पांच साल पहले महिला क्रिकेट को अपनी छत्रछाया में ले लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट को 2006-07 में अपनी छत्रछाया में लिया। यह पांच साल पहले हुआ होता तो और बेहतर रहता। उस समय कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे लेकिन पैसे के अभाव और खेल के मार्फत आर्थिक स्थिरता नहीं मिलने से उन्होंने दूसरा पेशा चुना।