अफ्रीका में ODI शतक लगाने वाले पहले भारतीय WV रमन बने महिला क्रिकेट टीम के कोच
दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन पर तरजीह देते हुए पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यू वी रमन को गुरुवार (20 दिसंबर) को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया जबकि चयन प्रक्रिया को लेकर प्रशासकों...
दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन पर तरजीह देते हुए पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यू वी रमन को गुरुवार (20 दिसंबर) को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया जबकि चयन प्रक्रिया को लेकर प्रशासकों में आपसी मतभेद हैं। बीसीसीआई के सूत्र ने पीटीआई को यह जानकारी दी। रमन (53 वर्ष) इस समय बेंगलुरू में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में बल्लेबाजी सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, ''कर्स्टन बीसीसीआई की चयन समिति की पहली पसंद थे, लेकिन रमन को यह पद मिला क्योंकि कर्स्टन आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ अपना पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। चयन समिति में पूर्व कप्तान कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और एस रंगास्वामी शामिल हैं।
मैच फिक्सिंग विवाद से जुड़े रहे मनोज प्रभाकर और हर्शल गिब्स ने महिला टीम कोच पद के लिए किया आवेदन
विश्वस्त सूत्र ने कहा कि पैनल ने बोर्ड को तीन नाम (कर्स्टन, रमन और वेंकटेश प्रसाद) की सिफारिश की, लेकिन बीसीसीआई ने पद के लिए रमन को चुना। यह नियुक्ति प्रशासकों की समिति (सीओए) के मुद्दें पर विभाजित विचारों के बावजूद की गई, जिसमें डायना एडुल्जी ने चेयरमैन विनोद राय को चयन प्रक्रिया रोकने को कहा था। बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने भी प्रक्रिया पर सवाल उठाे और कहा कि इसे राय की मंजूरी मिली थी, एडुल्जी की नहीं।
डब्ल्यू वी रमन का इंटरनेशनल करियर
रमन ने देश के लिए 11 टेस्ट और 27 वनडे खेले हैं और इस समय वह देश के सबसे योग्य कोचों में से एक हैं। वह तमिलनाडु और बंगाल जैसी बड़ी रणजी ट्रॉफी टीम को कोचिंग दे चुके हैं और भारत अंडर-19 टीम के साथ भी काम कर चुके हैं। उन्हें 1992-93 दौरे के दौरान दक्षिण अफ्रीका में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय के रूप में भी याद किया जाता है।
1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने घरेलू मैदान चेन्नई में डेब्यू करने वाले रमन ने करियर का आखिरी टेस्ट साल 1997 में सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में केपटाउन में खेला था। अपने एक दशक लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में वो चार कप्तानों के रवि शास्त्री, दिलीप वेंसरकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन और सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में खेले।
डब्ल्यू वी रमन का फर्स्ट क्लास करियर
डब्ल्यू वी रमन का इंटरनेशनल करियर 1988 से 1997 तक रहा। उन्होंने 11 टेस्ट मैचों में 24.88 की औसत से 448 रन बनाए। वहीं, 27 वनडे मैचों में 23.73 की औसत से 617 रन बनाए। अपने इंटरनेशनल करियर में रमन ने सिर्फ एक वनडे शतक जड़ा है।
रमन का फर्स्ट क्लास करियर काफी शानदार रहा है। उन्होंने 132 मैचों में 45.62 की औसत से 7939 रन बनाए हैं। वहीं, उन्होंने 87 लिस्ट ए मैचों में 35.26 की औसत से 2892 रन बनाए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 19 शतक और 36 अर्धशतक जड़े हैं। वहीं, लिस्ट ए मैचों में 4 शतक और 18 शतक जड़ चुके हैं।
बतौर स्पिनर की थी करियर की शुरुआत
बाएं हाथ के लंबे दिखने वाले रमन आमतौर पर ऑफ साइड में ही शॉट्स खेलना पसंद करते थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत स्पिनर के रूप में की। बल्लेबाज की सोच को पढ़ने की उमें गजब की क्षमता थी। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने अपने पहले ही ओवर में विकेट निकाली थी। उन्होंने कर्टनी वॉल्श को आउट किया था, लेकिन बाद में रमन को एक बल्लेबाज के रूप में ही पहचान मिली।
तोड़ा था 44 साल पुराना रिकॉर्ड
1988-89 में उन्होंने तमिलनाडु के लिए, गोवा के खिलाफ 313 रन बनाकर पर्पल कैप जीती थी। बाद में उन्होंने दो दोहरे शतक भी बनाए। पूरे सीजन में रमन ने 1018 रन बनाए। उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से 44 साल पुराने रुसी मोदी के एक सीजन में सबसे अधिक रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा। कई दूसरे बल्लेबाजों के होने के बावजूद उन्हें भारत की पारी शुरु करने के लिए कहा गया। उन्होंने कुछ सफलता के साथ इस जिम्मेदारी को पूरा किया।
इंग्लैंड दौरे पर विनोद कांबली को मिली तवज्जो
टेस्ट डेब्यू में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने दूसरी पारी में 83 रन बनाए। यही वह टेस्ट मैच था, जिसमें नरेंद्र हिरवानी ने 136 रन देकर 16 विकेट लिए थे। लेकिन रमन का अंतरराष्ट्रीय करयिर कभी ठीक ढंग से आगे नहीं बढ़ पाया। जब इंग्लैंड दौरे पर उनकी जगह विनोद कांबली को तवज्जो दी गई तो उनके करियर पर विराम सा लग गया।
सेंचुरियन में वनडे में शतक बनाने वाले पहले भारतीय
रिकॉर्ड बताते हैं कि उन्होंने घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ अधिकतम 96 रन की पारी खेली, लेकिन उनका करियर सवाल ही बना रहा। 1993 में वह श्रीलंका के दौरे पर गए और एक भी फर्स्ट क्लास मैच नहीं खेले। 1992-93 के दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर सेंचुरियन में वनडे में शतक बनाने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी बने। कोचिंग का लंबा अनुभव उनका पास है। उम्मीद की जानी चाहिए कि वह महिला क्रिकेट को बुलंदियों तक ले जाएंगे।
28 उम्मीदवारों का हुआ था इंटरव्यू
बता दें कि कर्स्टन, रमन और प्रसाद के अलावा 28 आवेदकों में से जिन अन्य उम्मीदवारों को गुरुवार को इंटरव्यू के लिए छांटा गया था, उनमें मनोज प्रभाकर, ट्रेंट जानस्टन, दिमित्री मास्करेन्हास, ब्रैंड हॉग और कल्पना वेकंटाचर शामिल थे। इन तीन से मिलकर इंटरव्यू किया गया जबकि कर्स्टन सहित पांच अन्य से स्काइपी पर और एक से फोन पर इंटरव्यू लिया गया।
भारत की पुरूष टीम को 2011 विश्व कप में खिताब दिलाने वाले कर्स्टन इन सभी में पहली पसंद थे। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ''तरजीह के क्रम में वह शीर्ष पर थे लेकिन वह रायल चैलेंजर्स बैंगलोर को नहीं छोड़ना चाहते थे। रमन अच्छी पसंद हैं क्योंकि टीम को इस समय बल्लेबाजी कोच की जरूरत है। प्रसाद इस क्रम में तीसरे नंबर पर थे।
कर्स्टन 2008 से 2011 तक तीन वर्षों के लिए भारतीय टीम के मुख्य कोच रहे थे। इसके बाद उन्होंने 2011 से 2013 तक दक्षिण अफ्रीका को कोचिंग दी। वह इस समय इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के मुख्य कोच हैं।