Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Manoj Tiwary pain after retirement spilled out I will ask ms Dhoni when even Virat Kohli Rohit Sharma were not scoring runs then why did they drop me

धोनी से पूछुंगा, जब कोहली-रोहित भी रन नहीं बना रहे थे तो मुझे क्यों ड्रॉप किया...रिटायरमेंट के बाद छलका मनोज तिवारी का दर्द

रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा अफसोस दुनिया के साथ शेयर किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व कप्तान एमएस धोनी के साथ रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को भी लपेटे में लिया।

Lokesh Khera लाइव हिंदुस्तान टीम, नई दिल्लीTue, 20 Feb 2024 06:54 AM
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भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने हर एक घरेलू खिलाड़ी का सपना होता है, वह युवा अवस्था से ही इसके लिए जीतोड़ मेहनत करता है। ऐसा नहीं है कि एक बार टीम इंडिया में जगह मिल जाए तो खिलाड़ी सुरक्षित हो जाता है। उसे टीम इंडिया में बने रहने के लिए लगातार परफॉर्म करना होता है, यह टीम में जगह बनाने से भी मुश्किल चुनौती होती है। ऐसी ही कुछ कहानी पूर्व भारतीय खिलाड़ी मनोज तिवारी की है। तिवारी ने 2008 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था, मगर वह लंबे समय तक नीली जर्सी में नहीं खेल पाए। हैरानी की बात तो यह है कि उन्हें शतक लगाने के बावजूद टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। अब रिटायरमेंट के बाद इस खिलाड़ी का दर्द छलका है।

तिवारी ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में बिहार के खिलाफ अपना आखिरी मुकाबला खेलकर क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा अफसोस दुनिया के साथ शेयर किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व कप्तान एमएस धोनी के साथ रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को भी लपेटे में लिया।

मीडिया ने तिवारी से उनके अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान पछतावे के बारे में पूछा। 12 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज ने एक भावनात्मक बयान में खुलासा किया कि वह एमएस धोनी से पूछना चाहेंगे कि शतक बनाने के बावजूद उन्हें भारतीय टीम से क्यों बाहर कर दिया गया। तिवारी ने चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी 104* रन की पारी का जिक्र किया, जहां उन्होंने भारतीय टीम को जीत दिलाई थी। इस पारी के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी मिला था।

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न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में मनोज तिवारी ने कहा, "जब भी मौका मिले मैं उनसे सुनना चाहता हूं। मैं एमएस धोनी से पूछना चाहता हूं कि शतक बनाने के बाद मुझे टीम से बाहर क्यों कर दिया गया, खासकर ऑस्ट्रेलिया के उस दौरे पर जहां कोई भी रन नहीं बना रहा था, न ही विराट कोहली, रोहित शर्मा या सुरेश रैना। अब मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है।"

इसके अलावा फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10 हजार से अधिक रन बनाने के बावजूद भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट ना खेलना मनोज तिवारी के सबसे बड़े अफसोस में से एक है।

इस बारे में उन्होंने कहा, "मुझे भारत के लिए टेस्ट कैप नहीं मिली। जब मैंने 65 फर्स्ट क्लास मैच खेले थे, तब मेरी बैटिंग औसत 65 के आसपास थी। तब ऑस्ट्रेलिया टीम ने भारत का दौरा किया था, और मैंने एक फ्रेंडली मैच में 130 रन बनाए थे, फिर मैंने इंग्लैंड के खिलाफ एक फ्रेंडली मैच में 93 रन बनाए। मैं बहुत करीब था, लेकिन उन्होंने मेरी बजाय युवराज सिंह को चुना। इसलिए टेस्ट कैप नहीं मिलना और शतक बनाने के बाद मुझे 14 मैचों के लिए बाहर कर देना...जब आत्मविश्वास अपने चरम पर होता है और कोई उसे नष्ट कर देता है, तो यह उस खिलाड़ी को मार डालता है।"

अंत में वह बोले, "कई नाम मेरे दिल में हैं, लेकिन मैं कोई नाम नहीं लेना चाहता। नाम लेना सही बात नहीं होगी। लेकिन बीसीसीआई ने जीवन भर मेरी बहुत मदद की है।"

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