एक सप्ताह के लिए IPL छोड़ें श्रीलंकाई खिलाड़ी और विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लें, विश्व कप विजेता कप्तान ने दिया बयान
श्रीलंका की टीम के पूर्व वर्ल्ड कप विनिंग कैप्टन और मंत्री अर्जुन रणतुंगा ने मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेल रहे सभी श्रीलंकाई खिलाड़ियों से मौजूदा आर्थिक संकट के दौरान अपने देश के समर

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श्रीलंका की टीम के पूर्व वर्ल्ड कप विनिंग कैप्टन और मंत्री अर्जुन रणतुंगा ने मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेल रहे सभी श्रीलंकाई खिलाड़ियों से मौजूदा आर्थिक संकट के दौरान अपने देश के समर्थन में आने और खड़े होने का आग्रह किया। श्रीलंका भोजन और ईंधन की कमी के साथ एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिससे द्वीप राष्ट्र में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं। COVID-19 महामारी की शुरुआत के बाद से अर्थव्यवस्था एक मुक्त गिरावट में है।
अर्जुन रणतुंगा ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "मैं वास्तव में नहीं जानता, लेकिन कुछ क्रिकेटर ऐसे हैं जो आईपीएल में शानदार खेल रहे हैं और अपने देश के बारे में बात नहीं की है। दुर्भाग्य से लोग सरकार के खिलाफ बोलने से डरते हैं। ये क्रिकेटर मंत्रालय के तहत आने वाले क्रिकेट बोर्ड के लिए भी काम कर रहे हैं और अपनी नौकरी बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब उन्हें एक कदम उठाना होगा, क्योंकि कुछ युवा क्रिकेटरों ने भी आगे आकर विरोध के समर्थन में बयान दिए थे।"
उन्होंने आगे कहा, "जब कुछ गलत हो रहा हो, तो आपको अपने काम के बारे में सोचे बिना बाहर आने और उसके खिलाफ बोलने का साहस होना चाहिए। लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं विरोध प्रदर्शन में क्यों नहीं हूं। बात सिर्फ इतनी है कि मैं पिछले 19 साल से राजनीति में हूं और यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल और राजनेता ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया है और यही इस देश के लोगों की सबसे बड़ी ताकत है।"
इससे पहले वानिंदु हसरंगा और भानुका राजपक्षे जैसे श्रीलंकाई खिलाड़ी आर्थिक संकट के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आए थे। इसी को लेकर पूर्व क्रिकेटर ने कहा, "मुझे यकीन है कि आप सभी जानते हैं कि आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ी कौन हैं। मैं उल्लेख नहीं करना चाहता, लेकिन मैं चाहता हूं कि वे एक सप्ताह के लिए अपनी नौकरी छोड़ दें और विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आएं।" श्रीलंका को विदेशी मुद्रा की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है, जिससे खाद्य और ईंधन आयात करने की उसकी क्षमता प्रभावित हुई है।