कुलदीप यादव ने गौतम गंभीर और शेन वॉर्न को दिया अपनी सफलता का क्रेडिट
विंस्टन चर्चिल ने कहा था, ''सफलता अंतिम नहीं होती और असफलता भाग्य का लिखा नहीं होती, जो चीज महत्वपूर्ण है वह है आपका लगातार आगे बढ़ने की इच्छा।'' उनकी यह बात कोलकाता नाइट राइडर्स के...
विंस्टन चर्चिल ने कहा था, ''सफलता अंतिम नहीं होती और असफलता भाग्य का लिखा नहीं होती, जो चीज महत्वपूर्ण है वह है आपका लगातार आगे बढ़ने की इच्छा।'' उनकी यह बात कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक के उस निर्णय पर लागू होती है, जिसमें उन्होंने शनिवार को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ अंतिम ओवर में गेंद कुलदीप यादव को सौंपी थी। दिल्ली को जीत के लिए छह गेंदों पर 6 रन की जरूरत थी। इस 'चाइनामैन' गेंदबाज ने 18वां ओवर भी फेंका था, लेकिन छोटे ग्राउंड को देखते हुए अंतिम ओवर स्पिनर से फिंकवाना एक साहसिक फैसला था।
कुलदीप यादव ने अपने कप्तान के भरोसे को कायम रखा और मैच को सुपर ओवर तक ले गए। अंत में कोलकाता नाइट राइडर्स सुपर ओवर में मैच हार गई, लेकिन कुलदीप की परफॉर्मेंस यह दिखाती है कि पिछले कुछ वर्षों में किस तरह कुलदीप का करियर ग्राफ ऊपर की तरफ गया है।
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हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कुलदीप यादव ने कहा कि कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस साल बहुत अच्छी शुरुआत की है और उसके लिए फाइनल में जगह बनाना संभव है। उन्होंने कहा, ''अब तक केकेआर के लिए आईपीएल की शानदार शुरुआत रही है। हमने पहले दो मैचों में होम ग्राउंड पर शानदार प्रदर्शन किया। दिल्ली के खिलाफ हम अंत तक मैच में बने रहे। लेकिन सुपर ओवर में क्या होगा यह आप कभी नहीं जान सकते। मुझे लगता है हमने अपनी ओर से शानदार प्रदर्शन किया। मुझे लगता है कि हम अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं। पिछले साल हम नॉकआउट में हार गए थे। लेकिन हमें विश्वास है कि इस साल ऐसा नहीं होगा।''
कुलदीप यादव ने 2016 में केकेआर के साथ आईपीएल डेब्यू किया था और 2017 में टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। हालांकि, टीम के साथ वह 2014 में ही जुड़ गए थे। उस साल उन्होंने 12 विकेट लिए थे, जिसके चलते टीम इंडिया में उन्हें जगह मिली। इसके बाद से इस गेंदबाज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कुलदीप कहते हैं, ''छह साल से मैं केकेआर के साथ हूं, हम एक परिवार की तरह हैं। हर खिलाड़ी दूसरे को सपोर्ट करता है। जब मैं टीम में शामिल हुआ तो गौतम गंभीर कप्तान थे और जैक कैलिस सीनियर खिलाड़ी थे। बाद में कैलिस कोच बन गए। मैंने इन दोनों खिलाड़ियों से बहुत कुछ सीखा है।''
उन्होंने गौतम गंभीर की तारीफ करते हुए कहा, ''गौती भाई ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। वह मुझे हमेशा अगले चरण में जाने के लिए प्रेरित करते रहे। अब मैं भी थोड़ा सीनियर हो गया हूं और टीम को उसके लक्ष्य तक पहंचने में सहायक बन रहा हूं।'' लिमिटेड ओवरों में कुलदीप के उभरने की वजह है उनका विकेट लेना। टीम प्रबंधन ने रविचंद्रन आश्विन और रवींद्र जडेजा की जगह टीम में यजुवेंद्र चहल और कुलदीप को अहमियत दी है।
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बाएं हाथ के कुलदीप आक्रामक लाइन और लेंथ पर गेंद पर डालते हैं। इसी बात ने कुलदीप की मदद की है। लेकिन कुलदीप कहते हैं, ''मैं अभी खुद को इवोल्व कर रहा हूं। मैं अपनी क्षमताओं को इतना परफेक्ट करना चाहता हूं ताकि कोई मेरी गेंदों पर हिट न लगा सके।'' वह कहते हैं, ''आपको आक्रामक होना पड़ता, लेकिन साथ ही यह भी सोचना चाहिए कि आप किस तरह रन बचा सकते हैं।''
बता दें कि कुलदीप छह टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनका मानना है कि लाल गेंद से गेंदबाजी मुश्किल होती है। और गेंदबाज के लिए फॉर्मेट में शिफ्ट करना भी आसान नहीं होता। वह कहते हैं, ''सफेद बॉल से लाल बॉल की तरफ शिफ्ट करना मुश्किल होता है। मुझे इसमें 10 दिन का समय लगता है। मुझे लगता है लाल गेंद से क्रिकेट ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है।''
टेस्ट क्रिकेट में आपको धैर्य की जरूरत होती है, तभी आप सफल हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न से अपने रिश्तों के बारे में कुलदीप कहते हैं, ''मैंने 2005 में एशेज में उन्हें पहली बार गेंदबाजी करते देखा था। तब से मैं उनके जैसे गेंदबाज बनना चाहता था। वह मेरे रोल मॉडल हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे में एक टेस्ट मैच के दौरान मैं पहली बार उनसे मिला था। हमने बहुत सी बातें की और जब मैं ऑस्ट्रेलिया गया तो उन्होंने मुझे बहुत सी टिप्स दी।''
कुलदीप यादव आगे कहते हैं, ''रवि शास्त्री सर और भरत अरुण ने वॉर्न क्या कह रहे हैं, यह समझने में मदद की। हर हर सुबह नए विचारों के साथ मेरे पास आते। इन बातों ने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाया और स्किल सीखने में मदद की। वॉर्न अब मेरे बहुत करीब हैं। हम व्हाट्स अप पर एक-दूसरे से जुड़े हैं।''
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जून 2017 में वनडे में डेब्यू करने के बाद से कुलदीप वनडे के शानदार गेंदबाज साबित हुए हैं। उन्होंने 44 मैचों में 87 विकेट लिए हैं। उनका औसत 21.74 है। विश्व कप 2019 की टीम में उन्हें भारत का अहम हथियार माना जा रहा है। कुलदीप कहते हैं, ''जब आप टीम इंडिया के लिए खेलते हैं तो दबाव होता ही है। और विश्व कप में तो पूरा देश आपसे उम्मीदें लगा रहा होता। पिछले दो साल से मैं जिस तरह भारत के लिए खेल रहा हूं। मुझे पूरा विश्वास है मैं विश्व कप खेल पाऊंगा। मैंने इंग्लैंड की परिस्थितियों में लगभग सभी टीमों के खिलाफ अच्छी गेंदबाजी की है। मैं टीम को जीत दिलाने में निश्चित रूप से सहायक हो सकता हूं।''