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Hindi News क्रिकेटप्लास्टिक बॉल से टीम इंडिया तक, सिर्फ इस लालच में क्रिकेटर बने जितेश शर्मा, बताया कैसे हुई विकेटकीपिंग की शुरुआत

प्लास्टिक बॉल से टीम इंडिया तक, सिर्फ इस लालच में क्रिकेटर बने जितेश शर्मा, बताया कैसे हुई विकेटकीपिंग की शुरुआत

जितेश शर्मा ने खुद से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी बताई है। जितेश ने खुलासा किया है कि उन्होंने क्रिकेट का सफर प्लानिंग करके नहीं बल्कि अचानक से शुरू किया था। उन्होंने इसके पीछे एक लालच का जिक्र किया है।

प्लास्टिक बॉल से टीम इंडिया तक, सिर्फ इस लालच में क्रिकेटर बने जितेश शर्मा, बताया कैसे हुई विकेटकीपिंग की शुरुआत
Md.akram लाइव हिंदुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 27 Jan 2023 06:29 PM

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महाराष्ट्र के विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में भारतीय स्क्वॉड का हिस्सा हैं। उन्हें श्रीलंका के विरुद्ध सीरीज में भी चुना गया था लेकिन वह कोई मैच नहीं खेल सके। 28 वर्षीय जितेश आईपीएल 2022 में पंजाब किंग्स की ओर से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर काफी सुर्खियों में रहे। जितेश ने सीरीज के आगाज से पहले खुलासा किया है कि उनकी बचपन में क्रिकेट में बिलकुल दिलचस्पी नहीं थी। जितेश ने कहा कि उन्होंने स्कूल में क्रिकेट खेलना सिर्फ इसलिए शुरू किया, क्योंकि चार प्रतिशत अतिरिक्त नंबर का लालच था।

जितेश ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से बातचीत में कहा, ''मैं कभी क्रिकेट खेलना नहीं चाहता था। मेरी क्रिकेट में कभी दिलचस्पी ही नहीं थी। मैं सिर्फ प्लास्टिक बॉल से खेलता था। मेरे क्रिकेट में तब सुधार हुआ, जब मैंने स्कूल में चार प्रतिशत अतिरिक्ट नंबर के लिए खेलना शुरू किया। हमारे महाराष्ट्र में अगर आप 10वीं क्लास में स्टेट खेलते हैं तो आपको चार प्रतिशत अंक ज्यादा मिलते हैं।''

विकेटकीपर ने कहा, ''मैं स्कूल में फुटबॉल खेलता था। दोस्तों ने कहा कि स्कूल की क्रिकेट टीम अच्छा खेलती है। अगर हम लोग स्टेट की टीम में सेलेक्ट हो जाते हैं तो चार प्रतिशत ज्यादा नंबर मिलेंगे। चार प्रतिशत के लालच में स्कूल की टीम के लिए ट्रायल दे दिया और उनके पास विकेटकीपर नहीं था तो मैंने उसके लिए हामी भर दी। मैंने कहा कि मैं विकेटकीपर ही हूं और उस दिन से विकेटकीपिंग शुरू कर दी। मैंने दसवीं में स्टेट खेला।''

उन्होंने आगे कहा, ''तब स्कूल के मैच क्लब के ग्राउंड पर होते थे। अमरावती में क्लब के कोच अमर मोरे ने कहा कि मुझे गंभीरता के साथ क्रिकेट खेलना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि मुझे डिफेंस में जाना है। मेरी क्रिकेट में नहीं बल्कि एयर फोर्स में दिलचस्पी है। उन्होंने फिर भी कहा कि अंडर-16 के ट्रायल दे दो। मैंने तब ट्रायल दिया और स्टेट की अंडर-16 टीम में सेलेक्ट हो गया।''

जितेश ने कहा, ''11वीं क्लास में मैंने कहा कि अब क्रिकेट नहीं खेलूंगा। लेकिन पिता जी ने कहा कि केवल फिटनेस के लिए खेलते रहो। ग्राउंड पर जाने की आदत बनी रहेगी। नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में आपको एग्जाम देना है तो भी फिजिकली फिट होना जरूरी है। मेरा उद्देश्य 12वीं के बाद  एनडीए का एग्जाम देना था। 12वीं में फिर से चार प्रतिशत नंबर के लालच में क्रिकेट खेलता रहा। मैंने अंडर-19 टीम में स्टेट के लिए खेला। ऐसे में मेरी क्रिकेट में दिलचस्पी बढ़ती गई।''

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