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सचिन तेंदुलकर ने बताया, क्रिकेट करियर में किन 2 चीजों का रहा मलाल

शतकों का शतक बनाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा हो चुका है। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2011 में फाइनल में श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप...

सचिन तेंदुलकर ने बताया, क्रिकेट करियर में किन 2 चीजों का रहा मलाल
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 17 May 2020 01:53 PM
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शतकों का शतक बनाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा हो चुका है। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2011 में फाइनल में श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप जीता था। यह पल सचिन के लिए उनके क्रिकेट करियर का सबसे खास पल था, क्योंकि देश के लिए वर्ल्ड कप जीतना उनका हमेशा से सपना रहा था। इस सपने के पूरा होने के बाद भी सचिन को अपने क्रिकेट करियर में दो मलाल है। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें अपने करियर में किन दो चीजों का अफसोसल रहा है।

बड़े-बड़े गेंदबाजों के लिए दुस्वप्न साबित होने वाले सचिन ने वसीम अकरम, वकार युनूस जैसे कई दिग्गज गेंदबाजों का सामना किया है। कम उम्र में डेब्यू करने की वजह से सचिन को कई दिग्गजों और नए खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला है। बावजूद इसके टेस्ट और वनडे क्रिकेट में रिकॉर्ड्स की झड़ी लगाने वाले सचिन तेंदुलकर को सुनील गावस्कर के साथ बैटिंग नहीं करने और विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेलने का खासा मलाल है।

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क्रिकेट.कॉम को दिए एक इंटरव्यू में सचिन ने अपने क्रिकेट करियर के दो मलालों पर बात करते हुए कहा, ''मुझे दो अफसोस है। पहला यह कि मैं कभी सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाया।  जब मैं बड़ा हो रहा था, तब से मिस्टर गावस्कर मेरे बैटिंग हीरो रहे हैं। मुझे इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि मैं उनके साथ नहीं खेल पाया। मिस्टर गावस्कर मेरे डेब्यू से कुछ साल पहले ही रिटायर हो गए थे।''

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अपने दूसरे अफसोस के बारे में बताते हुए सचिन ने कहा, ''मेरा दूसरा मलाल है कि मैं अपने बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेल पाया। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हू्ं कि काउंटी क्रिकेट में मुझे उनके खिलाफ खेलने का मौका मिला, लेकिन फिर भी मैं इंटरनेशनल क्रिकेट में उनके खिलाफ नहीं खेल पाया और इसका मुझे अफसोस है। भले ही सर रिचर्ड्स 1991 में रिटायर हुए हों और हमारे करियर में कुछ साल ओवरलैप हुए, लेकिन हमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलने को नहीं मिला।''

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