IND vs NZ: वसीम जाफर ने समझाया क्यों अच्छा खेलकर भी संजू सैमसन हो गए प्लेइंग XI से बाहर
टीम इंडिया के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर वसीम जाफर ने दो प्वॉइंट्स में समझाया है कि क्यों अच्छा खेलकर भी संजू सैमसन प्लेइंग XI से बाहर हो गए। टीम इंडिया के पास ऑलराउंडर्स की कमी है, जो टीम को भारी पड़ी है।

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संजू सैमसन को टीम इंडिया से अंदर-बाहर होते हुए देखना अब कोई नई बात नहीं रह गई है। सैमसन को न्यूजीलैंड दौरे पर तीन-तीन मैचों की टी20 और वनडे इंटरनेशनल सीरीज के लिए टीम इंडिया में चुना तो गया, लेकिन टी20 सीरीज के दौरान उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला, वहीं पहले वनडे इंटरनेशनल मैच में 38 गेंद पर 36 रनों की पारी खेलने के बावजूद वह दूसरे वनडे में प्लेइंग XI से बाहर हो गए। दूसरा वनडे हालांकि बारिश की भेंट चढ़ा। भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर वसीम जाफर ने दो प्वॉइंट्स में समझाया है कि क्यों संजू सैमसन को प्लेइंग XI से ड्रॉप करना पड़ रहा है।
जाफर ने ट्विटर पर लिखा, 'संजू को अच्छा खेलने के बावजूद ड्रॉप कर दिया गया क्योंकि हमारे पास काफी ऑलराउंडर्स और पार्ट टाइम बॉलिंग के ऑप्शन्स नहीं हैं।' जाफर ने इस ट्वीट के साथ दो प्वॉइंट्स शेयर किए, 1- ऑलराउंडर्स की कमी- हम ऑलराउंडर्स को अच्छे से मैनेज नहीं करते हैं। क्योंकि हमारे पास ज्यादा ऑलराउंडर्स नहीं होते हैं, तो हम उन्हें इंटरनेशनल खिलाने में जल्दबाजी कर देते हैं, लेकिन कुछ खराब मैच के बाद वह उतनी जल्दी ही बाहर हो जाते हैं, जितनी जल्दी टीम में आते हैं। विजय शंकर, वेंकटेश अय्यर, शिवम दुबे, क्रुणाल पांड्या ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं। जब तक ऑलराउंडर्स डेवलप हों, उन्हें थोड़ा समय देने की जरूरत है।
2- पार्ट टाइम बॉलिंग ऑप्शन की कमीः बॉलिंग मशीन और थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट होने की वजह से बैटर्स ने नेट्स में गेंदबाजी करना ही बंद कर दिया है। टीम इंडिया के टॉप चार-पांच बल्लेबाजों में फिलहाल ऐसा कोई नहीं है, जो पार्ट-टाइम गेंदबाजी भी कर ले और इसका नुकसान लगता है टीम इंडिया को उठाना पड़ रहा है।