मैनचेस्टर टेस्ट रिशेड्यूल करने की BCCI की पेशकश को सुनील गावस्कर ने बताया शानदार, बोले- इंग्लैंड की मदद को नहीं भूलना चाहिए
भारत और इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जाने वाला टेस्ट सीरीज का पांचवां और निर्णायक टेस्ट कोरोना वायरस के चलते रद्द करना पड़ा। इस सीरीज के नतीजे के लिहाज से इस मुकाबले पर...
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भारत और इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जाने वाला टेस्ट सीरीज का पांचवां और निर्णायक टेस्ट कोरोना वायरस के चलते रद्द करना पड़ा। इस सीरीज के नतीजे के लिहाज से इस मुकाबले पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी, लेकिन आखिर में फैन्स को निराशा हाथ लगी। बीसीसीआई ने इस फैसले के बाद कहा कि वे खिलाड़ियों की सुरक्षा के साथ किसी तरह समझौता नहीं कर सकता। बोर्ड अब मैनचेस्टर टेस्ट को फिर से आयोजित करना चाहता है और उसके इस फैसले का भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने दिल खोलकर स्वागत किया है।
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उन्होंने ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट को फिर से आयोजित करने के लिए बीसीसीआई की पेशकश की तारीफ करते हुए कहा कि, 'भारत को दौरे को पूरा करने के लिए वापस लौटने की इंग्लैंड की उस मदद को कभी नहीं भूलना चाहिए, जिसे 2008 में 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के कारण बीच में ही रोक दिया गया था।' गावस्कर ने 'सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क' से बात करते हुए कहा कि, 'हां मुझे लगता है कि यह सही कदम होगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इंग्लैंड सीरीज पूरी करने के लिए वापस भारत आए थे।'
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बता दें कि जब आतंकवादियों ने 2008 में मुंबई पर हमला किया तब मेहमान इंग्लैंड की टीम 26 नवंबर को कटक में भारत के खिलाफ वनडे मैच खेल रही थी। इसके बाद सात मैचों की सीरीज के आखिरी दो वनडे मैच रद्द कर दिए गए। इंग्लैंड ने तुरंत स्वदेश जाने का फैसला किया। लेकिन बाद में दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए वापसी की जिसमें भारत ने 1-0 से जीत हासिल की।
गावस्कर ने कहा कि, 'हमें उस समय के इंग्लैंड टीम के कप्तान केविन पीटरसन के योगदान को नहीं भूलना चाहिए। अगर वे उस समय भारत का दौरा फिर से करने के लिए मना कर देते तो वह दौरा निश्चित तौर पर खत्म हो जाता। वे पीटरसन ही थे, जिन्होंने टीम के अन्य सदस्यों को भी इस दौरे पर आने के लिए राजी किया। केपी की वजह से ही हमें चेन्नई में शानदार टेस्ट देखने को मिला, जहां भारत टीम ने पांचवें दिन 380 रनों के लक्ष्य को हासिल किया था।'