टीम इंडिया इन दिनों ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर है। दोनों टीमों के बीच चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज खेली जा रही है। सीरीज 1-1 की बराबरी पर है। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने आठ विकेट से जीत दर्ज की, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे यादगार जीत के तौर पर याद रखी जाएगी। टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारूख इंजीनियर की माने तो मेलबर्न में मिली टेस्ट जीत उतनी ही बड़ी थी, जितनी 1983 और 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में मिली जीत थी।
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कपिल देव की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड में 1983 वर्ल्ड कप फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया था। इसके 28 साल बाद 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर भारत दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बना था। स्पोर्ट्सकीड़ा को दिए इंटरव्यू में इंजीनियर ने कहा, 'यह वापसी का शानदार तरीका था। यह भारत की वर्ल्ड कप जीत जैसा था और 1971 में द ओवल में खेले गए टेस्ट में मिली जीत जैसा।'
इंजीनियर ने 1961 से 1975 के बीच भारत के लिए 46 टेस्ट और 5 वनडे इंटरनैशनल मैच खेले हैं। उन्होंने कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे की भी जमकर तारीफ की। जिन्होंने विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम की शानदार तरीके से अगुवाई की। रहाणे ने मेलबर्न में अपने करियर का 12वां टेस्ट शतक जड़ा था। इंजीनियर ने रहाणे के लिए कहा, 'ऑस्ट्रेलिया में हमारे लड़कों की शानदार रिकवरी। अजिंक्य रहाणे को सलाम और पूरी टीम को भी। रहाणे ने फ्रंट से लीड किया। उसने दिखा दिया कि अगर मैं कर सकता हूं तो आप भी कर सकते हैं। वह मुंबई के शिवाजी पार्क से है, वह फाइटर है। मैं हमेशा से उसका प्रशंसक रहा हूं।'
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उन्होंने आगे कहा, 'हां, हम 36 रनों पर ऑलआउट हुए थे। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने एकदम परफेक्ट लाइन और लेंथ से गेंदबाजी की थी, वह इस इंतजार में थे कि हमारे बल्लेबाज गलती करें और हम लगातार गल्तियां करते गए।' एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी थी। उस मैच की दूसरी पारी में टीम इंडिया महज 36 रन ही बना पाई थी और यह टेस्ट क्रिकेट में उनका लोएस्ट स्कोर भी था।