बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया ने एक दिन पहले ही प्लेइंग XI का ऐलान कर दिया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का दूसरा मैच 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाना है। टीम इंडिया के प्लेइंग XI में विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा की जगह ऋषभ पंत को शामिल किया गया है। टीम इंडिया में कुल चार बदलाव किए गए हैं और इसको लेकर गौतम गंभीर ने अपनी बात रखी है। गंभीर का मानना है कि साहा को टीम से आउट करके और पंत को टीम में शामिल करके टीम मैनेजमेंट ने इन दोनों के साथ अन्याय किया है।
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गंभीर का मानना है कि टीम मैनेजमेंट ने खिलाड़ियों में असुरक्षा पैदा कर दी है, साहा और पंत के बीच रोटेशन का फैसला दोनों विकेटकीपरों के लिए गलत है। एडिलेड में पहले टेस्ट में खराब फॉर्म में रहे साहा को मेलबर्न में दूसरे टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया गया है। गंभीर ने सवाल दागा कि अगर पंत अगले दो मैचों में नाकाम रहते हैं तो क्या उनके साथ भी यही सलूक किया जाएगा? उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि साहा ने सीरीज में बस एक टेस्ट खेला और उन्हें बाहर कर दिया गया।'
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उन्होंने यूट्यूब चैनल 'स्पोर्ट्स टुडे' पर कहा, 'अगर पंत दूसरे और तीसरे टेस्ट में अच्छा नहीं खेल सके तो क्या करेंगे? क्या फिर साहा को टीम में रखा जाएगा?' उन्होंने कहा कि खिलाड़ी कहने से नहीं बल्कि करनी से सुरक्षित महसूस करते हैं, जो मौजूदा टीम मैनेजमेंट नहीं करा सका है। उन्होंने कहा, 'यही वजह है कि टीम अस्थिर लग रही है क्योंकि किसी में भी सुरक्षा का भाव नहीं है। पेशेवर खेल में सुरक्षा का भाव काफी जरूरी है। देश के लिए खेलने वाला हर खिलाड़ी प्रतिभाशाली होता है।' गंभीर ने कहा, 'उन्हें सुरक्षा और आश्वासन की जरूरत होती है कि वक्त पड़ने पर मैनेजमेंट उनका साथ देगा।' उन्होंने कहा कि भारत के अलावा कोई भी विकेटकीपरों को रोटेट नहीं करता। उन्होंने कहा, 'पंत और साहा दोनों के साथ काफी समय से नाइंसाफी हो रही है। हालात के मुताबिक उन्हें चुना जाता है। विकेटकीपरों के साथ ऐसा नहीं किया जाता, ऐसा गेंदबाजों के साथ होता है।'