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IPL के पूर्व सीओओ ने बताया, कैसे चेन्नई सुपर किंग्स लगा पाई धोनी पर बड़ा दांव

बहुत से अन्य क्रिकेटरों की तरह अपनी कोई होम टीम न होने की वजह से महेंद्र सिंह धोनी 2008 इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) नीलामी में शामिल हुए। उनके इस कदम ने उनका भविष्य ही बदल  दिया और उन्हें...

IPL के पूर्व सीओओ ने बताया, कैसे चेन्नई सुपर किंग्स लगा पाई धोनी पर बड़ा दांव
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 26 Jun 2020 11:45 AM
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बहुत से अन्य क्रिकेटरों की तरह अपनी कोई होम टीम न होने की वजह से महेंद्र सिंह धोनी 2008 इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) नीलामी में शामिल हुए। उनके इस कदम ने उनका भविष्य ही बदल  दिया और उन्हें चेन्नई का गोद लिया बेटा कहा जाने लगा। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने उन्हें 9.5 करोड़ रुपये में खरीदा था। यह उस सीजन की सबसे बड़ी बोली थी। चेन्नई ने धोनी को खरीदने के लिए बड़ी कीमत दी और धोनी ने भी इसके बाद कभी सीएसके को निराश नहीं किया। धोनी ने चेन्नई के लिए तीन बार खिताब जीता है। 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद धोनी अपने चरम पर थे और ऐसे में चेन्नई ने उन्हें बड़ी कीमत पर खरीदता था। हाल ही में आईपीएल के पूर्व सीओओ सुंदर रमन ने खुलासा किया कि कैसे सीएसके धोनी के लिए इतनी बड़ी राशि खर्च करने में सक्षम था।

गौरव कपूर के साथ '22यार्न' शो के पॉडकास्ट में आईपीएल के पूर्व सीओओ ने बताया कि उस समय आइकन खिलाड़ी को वेतन निर्धारित नहीं किया गया था और टीम पर सबसे अधिक भुगतान किए जाने वाले खिलाड़ी की तुलना में 15 फीसदी अधिक भुगतान किया जाना था। क्योंकि चेन्नई के पास एक भी आइकन प्लेयर नहीं था, इसलिए वे अपनी पसंद के खिलाड़ी के लिए बोली लगाने के लिए थोड़ा अधिक स्वतंत्र थे।

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राजस्थान और चेन्नई के पास नहीं थे आइकन प्लेयर
किंग्स इलेवन पंजाब के पास युवराज सिंह, मुंबई इंडियंस के पास सचिन तेंदुलकर, कोलकाता नाइट राइडर्स के पास सौरव गांगुली जैसे आइकन प्लेयर थे। सुंदर  रमन ने कहा, ''2008 आईपीएल में सिर्फ यही बात निश्चित थी कि आइकन खिलाड़ी अपनी टीमों के लिए नियुक्त होंगे। सचिन तेंदुलकर मुंबई के लिए, वीरेंद्र सहवाग दिल्ली के लिए, युवराज सिंह पंजाब के लिए, बैंगलोर के लिए राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली कोलकाता के लिए। सिर्फ चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स ही उस टूर्नामेंट में दो ऐसी टीमें थी, जिनके पास कोई भी आइकन प्लेयर नहीं थे।

धोनी के पास नहीं थी कोई होम टीम
उस समय स्टारडम की बुलंदियों पर रहे धोनी के पास अपनी कोई टीम नहीं थी। लिहाजा उन्होंने चेन्नई को अपना घर बना लिया।'' उन्होंने आगे कहा, ''धोनी चेन्नई के सबसे महंगे खरीदे गए खिलाड़ी थे। इस तरह भारतीय टी-20 के कप्तान चेन्नई के पास आ गए, क्योंकि उन पर किसी तरह का अतिरिक्त चार्ज या जीएसटी नहीं देना था। धोनी पर खर्च किया गया रिकॉर्ड पैसे ने धोनी को गेम चेंजर साबित किया।''

चेन्नई ने धोनी पर लगाया बड़ा दांव
दरअसल, जहां बाकी टीमों ने अपनी टीम के सबसे महंगे खिलाड़ी से 15 फीसदी ज्यादा रकम अपने मार्की खिलाड़ी की दी। वहीं, सीएसके ने आईपीएल बोली में धोनी पर सबसे बड़ा दांव लगा दिया। 

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धोनी की कप्तानी में चेन्नई ने जीते तीन खिताब
2010 और 2011 में चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल टाइटल जीता। दो साल के टूर्नामेंट से  बाहर रही चेन्नई की टीम 2018 में फिर वापस लौटी और धोनी ने तीसरी बार यह खिताब जीता। 2019 में भी चेन्नई फाइनल में पहुंची, लेकिन फाइनल मैच में मुंबई इंडियंस से उसे मात्र एक रन से हार का सामना करना पड़ा।

धोनी के अलावा रैना भी चेन्नई के साथ 2008 से
चेन्नई सुपर किंग्स को टूर्नामेंट की सबसे कंसीस्टेंट टीम माना जाता है। 2008 से धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के फुल टाइम कप्तान हैं। टीम और चेन्नई फैन्स से उन्होंने अच्छे रिश्ते बनाए हैं। नेशनल टीम में उनका भविष्य बेशक संदिग्ध हो, लेकिन यह सुनिश्चित है कि वह चेन्नई की टीम के कप्तान बने रहेंगे। धोनी के अलावा सुरेश रैना चेन्नई के एक अन्य ऐसे खिलाड़ी हैं, जो शुरुआत से ही टीम के साथ हैं। धोनी की अनुपस्थिति में रैना ने सीएसके की कप्तानी भी की है।

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