विशेषज्ञों की चेतावनी: जसप्रीत बुमराह का एक्शन उनके करियर के लिए खतरा
शरीर क्रिया विज्ञान के लेक्चरर डॉ. साइमन फेरोस को लगता है कि जसप्रीत बुमराह का गेंदबाजी एक्शन जिस तरह का है, उससे उनके पीठ के निचले हिस्से में चोट की संभावना बढ़ सकती है। फेरोस और मशहूर फिजियो जॉन...
शरीर क्रिया विज्ञान के लेक्चरर डॉ. साइमन फेरोस को लगता है कि जसप्रीत बुमराह का गेंदबाजी एक्शन जिस तरह का है, उससे उनके पीठ के निचले हिस्से में चोट की संभावना बढ़ सकती है। फेरोस और मशहूर फिजियो जॉन ग्लोस्टर ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में डिकिन यूनिवर्सिटी के खेल विभाग का हिस्सा हैं, जिन्होंने इस भारतीय तेज गेंदबाज के गेंदबाजी एक्शन का अध्ययन किया। दुनिया में खेल विज्ञान स्कूल में तीसरी रैंकिंग पर काबिज डिकिन यूनवर्सिटी का 'व्यायाम एवं पोषण विज्ञान स्कूल' अपने क्षेत्र में शीर्ष पर है।
बुमराह ज्यादा दिन बिना चोटिल हुए नहीं खेल सकते
फेरोस ने कहा, 'बुमराह फ्रंट फुट की लाइन के बाहर गेंद को रिलीज करता है। इसका मतलब है कि वह गेंद को पुश कर सकता है, आमतौर पर इससे दाएं हाथ के बल्लेबाज को बेहतरीन इन स्विंग गेंद फेंकता है। हालांकि, अगर वह 45 डिग्री से ज्यादा मोड़ता है (जो मुझे लगता है कि वह कुछ मौकों पर ऐसा करता है) तो उसके एक्शन से उसे मेरूदंड के निचले हिस्से में कुछ चोटों की समस्याएं हो सकती हैं।' अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में से कई को लगता है कि बुमराह का लंबे समय तक बिना चोटिल हुए बिना रहना मुश्किल होगा। हालांकि फेरोस और ग्लोस्टर ने कुछ सकारात्मक चीजें भी बताईं।
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जसप्रीत बुमराह का एक्शन ही है उसका मजबूत पक्ष
फेरोस ने कहा,'मेरूदंड के निचले हिस्से और कंधे के एक्शन के साथ उनके गेंद फेंकने के एक्शन को देखते हुए बुमराह का एक्शन सुरक्षित लगता है। इससे उनकी रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता।' ग्लोस्टर ने कहा, 'उसका अनोखा एक्शन उसे लगातार उस तरह की गेंद फेंकने में मदद करता है, विशेषकर यॉर्कर। लसिथ मलिंगा के इतने प्रभावी होने की काबिलियत उनके अनोखे एक्शन की वजह से भी थी।' ग्लोस्टर ने बुमराह के एक्शन के अपने आकलन में कहा कि उनका शरीर एक बेहतरीन मशीन है और साथ ही उन्होंने उनके कोचों की प्रशंसा भी की जिन्होंने उसके एक्शन में छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं की।
जॉन ग्लोस्टर ने जसप्रीम बुमराह के कोचों की प्रशंसा
ग्लोस्टर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर में पिछले 17 वर्षों से काम कर रहे हैं और साढ़े तीन साल तक भारतीय टीम के फिजियो भी रहे थे। मुख्य फिजियो के तौर पर करीब 55 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट दौरों व श्रृंखला में शामिल ग्लोस्टर ने कहा, 'बुमराह ने अपने एक्शन में मदद के लिए अब तक मजबूती से मांसपेशियों पर इस तरह का नियंत्रण बना लिया है और वह इसमें इतना स्थिर हो गया है। उसका शरीर बेहतरीन मशीन है और समय के साथ वह इसमें अनुकूलित हो जाएगा जिसमें लगातार इतनी तेज रफ्तार से सटीक गेंदबाजी करना शामिल रहेगा जो देखने में अनोखा गेंदबाजी एक्शन लगता है। उसके पूर्व कोचों की प्रशंसा की जानी चाहिए जिन्होंने उसके गेंदबाजी एक्शन में कोई बदलाव नहीं किया।'
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