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चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल, India vs Pakistan: पाक के खिलाफ फिर गरजेंगे मेरठी बल्ले

भारत पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले के लिए हर किसी की धड़कनें तेज हो गई हैं। क्रिकेट के फैंस तो अभी से अपना मिनट टू मिनट का प्लान बनाने में जुटे हैं तो सामान्य लोग भी फाइनल की...

चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल, India vs Pakistan: पाक के खिलाफ फिर गरजेंगे मेरठी बल्ले
मेरठ, संजू कुमारSat, 17 Jun 2017 05:11 PM
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भारत पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले के लिए हर किसी की धड़कनें तेज हो गई हैं। क्रिकेट के फैंस तो अभी से अपना मिनट टू मिनट का प्लान बनाने में जुटे हैं तो सामान्य लोग भी फाइनल की चर्चा से दूर नहीं हैं। इस सब के बीच मेरठ के लिए यह मैच इसलिए भी अहम है क्योंकि इस मैच में भी मेरठ में बने बल्ले ग्रीन शर्ट ब्रिगेड की धज्जियां उड़ाने को तैयार हैं। भारतीय टीम के कई स्टार खिलाड़ी मेरठी बल्लों से खेल रहे हैं।

स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के नाम से जाने वाले शहर मेरठ के बल्लों की धूम दशकों  से पूरी दुनिया में है। कई देशों के धुरंधर बल्लेबाज मेरठी बल्लों के मुरीद हैं। कई बार बड़े खिलाड़ी खुद मेरठ आते हैं और कारीगर से मिलकर अपनी पसंद का बल्ला बनवाते हैं। चैम्पियंस ट्रॉफी में भी मेरठ के बल्लों ने रनों की बारिश होनी तय है। इस समय टीम इंडिया लगभग सभी खिलाड़ी मेरठ के बल्लों से खेल रहे हैं। हालांकि कांट्रैक्ट की तकनीकी शर्तों के कारण कुछ खिलाड़ी इसे उजागर नहीं करते।

चैम्पियंस ट्रॉफी में गुरुवार को टीम इंडिया ने बांग्लादेश को समीफाइनल में हराकर फाइनल में प्रवेश किया। इससे पहले लीग मैच में भारत ने पाकिस्तान को धोया था। इन मैचों में मेरठ के बल्लों की धूम दिखाई दी। अब रविवार को होने वाले भारत-पाकिस्तान के बीच मैच में भी मेरठी बल्लों को बोलबाला दिखाई देगा। मौजूदा टीम में कप्तान विराट कोहली के साथ ही रनों की बारिश करने वाले  रोहित शर्मा, भुवनेश्वर, केदार जाधव, युवराज, धौनी, हार्दिक पांडिया आदि मेरठ के बल्लों से खेल रहे हैं।

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इंग्लिश विलो खास बनाती है मेरठी बल्लों को
एसएफ नाम से बल्ले बनाने वाली विश्व प्रसिद्ध कंपनी स्टेनफोर्ड के निदेशक अनिल सरीन बताते हैं कि मेरठ में बल्ले अनुभव और आधुनिक तकनीकी के मेल से बनते हैं। इग्लिश विलो के कारण तकनीकी तौर पर ये बल्ले दूसरे किसी भी बल्ले से बेहतर साबित होते हैं। बल्लेबाज और जानकार मानते हैं कि दशकों से चली आ रही स्थानीय तकनीक के कारण इन बल्लों के स्ट्रोक का कोई तोड़ ही नहीं है। मेरठ में बल्ले खिलाड़ियों की जरूरत के अनुसार बारीक से बारीक जानकारी के आधार पर बनाए जाते हैं।

कपिल ने की थी मेरठी बल्लों की दिल खोलकर तारीफ

देश को पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप दिलाने वाले कपिल देव ने भी मेरठ के बल्लों की दिल खोलकर तारीफ की थी। बीते दिनों मेरठ प्रीमियर क्रिकेट लीग (एमपीसीएल) का शुभारंभ करने आए महान क्रिकेटर कपिल देव ने कहा था कि मेरठी क्रिकेटरों और बल्लों का भारतीय क्रिकेट में अहम योगदान है।  कपिल ने कहा था कि मेरठ बल्लों की नगरी है। यहां के बल्ले देश-विदेश में धूम मचा रहे हैं। जब भी कोई मेरठ आता था तो हम कहते थे कि हमारे लिए एक बल्ला लेकर आना। उन्हें इस बात का दुख हमेशा रहेगा कि हमारे समय में यहां के उद्यमियों ने ऐसे बल्ले क्यों नहीं बनाए। उस समय के बल्लों में आज जैसी थ्रो और टोन नहीं थी।

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मेरठ के बल्लों से युवराज ने छुड़ाए थे छक्के

डरबन में युवराज सिंह के जिस बल्ले से एक ही ओवर में निकले 6 छक्कों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए, वह मेरठ में बनाया गया था। युवराज की मांग पर विशेष रूप से तैयार किए गए इस बल्ले को मैच से 5 दिन पहले ही डरबन भेजा गया था। कंपनी ने युवराज के इस शानदार प्रदर्शन के बाद दावा किया था कि बल्ले को युवराज की खातिर खास तौर पर तैयार कराया गया था। 'पावर प्ले' के लिए बैट को ऐक्स्ट्रा कम्प्रेस किया गया। बैट के स्वीट पॉइंट (बीच के भाग) को सोल्डर (ऊपरी भाग) और 2 (निचले भाग) की अपेक्षा 25 प्रतिशत ज्यादा 'थिक' बनाया गया।

बैट को इस तरह डिजाइन किया गया, जिससे उसके किसी भाग में गेंद लगने पर बड़े शॉट खेले जा सकें। बैट का वजन पहले की अपेक्षा 50 ग्राम बढ़ाकर 1250 ग्राम कर दिया गया। इतना ही नहीं वी. वी. एस लक्ष्मण ने कोलकाता में मेरठ के बल्ले से ही खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 281 रनों की पारी खेली थी । साल 2004 में मुल्तान के मैदान में सहवाग ने 309 रन भी मेरठ में बने बल्ले से बनाए थे।

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इस वजह से खिलाड़ी नहीं करते हैं खुलासा

एसएस के डायरेक्टर जतिन सरीन ने कहा, केदार जाधव लंबे समय से एसएस के बल्ले से खेल रहे हैं और खूब रन भी बना रहे है। इसके अलावा भी टीम इंडिया के कई बल्लेबाज हमारे बल्ले से खेल रहे हैंलेकिन कांट्रैक्ट के अधीन वह दूसरे स्टीकर इस्तेमाल कर रहे हैं।  विराट कोहली और रोहित शर्मा एसएस का ही हेलमेट इस्तेमाल कर रहे है। इसके साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, बांग्लादेश के बल्लेबाजों की पहली पसंद एसएस के बल्ले ही रहे।

पीआर स्पोर्ट्स के क्षितिज अग्रवाल ने बताया, भारत श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के खिलाड़ी मेरठ के बल्लों को पसंद कर रहे है। चैम्पियंस ट्रॉफी में भी हमारे खूब चौके-छक्के लगा रहे है। बल्लों के कारण टीम एक विशाल स्कोर खड़ा कर रही है। भारत-पाकिस्तान के मैच में भी टीम इंडिया ही जीतेगी, क्योंकि उसके पास मेरठ के बल्ले है।

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