गेंद के स्टंप्स पर टकराने के बाद बल्लेबाज को आउट दिया जाए या नॉटआउट? जानिए युजवेंद्र चहल की राय
युजवेंद्र चहल ने कहा है कि अगर गेंद स्टंप्स से टकराती है और गिल्लियों की बत्ती जलती है लेकिन वह गिरती नहीं हैं तब भी बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति दिल्ली बनाम राजस्थान मैच में आई थी।
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लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने पूर्व क्रिकेटर और अब कमेंटेटर बन चुके संजय मांजरेकर की इस दलील से पूरी तरह से सहमति जताई हैं कि अगर गेंद स्टंप्स से टकराती है और गिल्लियों की बत्ती जलती है लेकिन वह गिरती नहीं हैं तब भी बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ खेले राजस्थान रॉयल्स के पिछले मुक़ाबले में आई थी, जब चहल के पहले ओवर की अंतिम गेंद पर डेविड वॉर्नर लेग ब्रेक से गच्चा खा गए थे और गेंद सीधे स्टंप्स से जा टकराई थी। हालांकि गिल्लियां नहीं गिरी और वॉर्नर ने 52 रनों की पारी खेली। जिस वक्त यह घटनाक्रम हुआ उस समय वॉर्नर 22 रन के निजी स्कोर पर खेल रहे थे।
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चहल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से इस मसले पर चर्चा करते हुए कहा, 'चूंकि मेरे साथ ऐसा पहली बार हुआ था इसलिए मैं भी यह देखकर दंग था कि गेंद के स्टंप्स से टकराने के बावजूद गिल्लियां नहीं गिरी। अगर मैच के नाज़ुक मोड़ पर ऐसी चीजें होती है तो और वह भी तब जब वॉर्नर जैसा बल्लेबाज सामने हो जो कि ख़ुद ज़्यादा मौके नहीं देते। अग़र वह आउट होते तो निश्चित तौर पर मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था।'
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योजना काम कर गई थी, चहल और संजू सैमसन ने जश्न मनाना भी शुरू कर दिया था, लेकिन जल्द ही उन्हें मजबूरन अपना जश्न रोकना पड़ा। मैच के अधिकारी एलईडी स्टंप्स की तकनीक की तीन तरह की स्थिति में मदद लेते हैं, बोल्ड, रन आउट और स्टंप आउट। मौजूदा नियमों के मुताबिक बल्लेबाज को आउट करार देने के लिए गिल्ल्यिों का स्टंप्स से गिरना ज़रूरी है। हालांकि एलईडी लाइट्स तभी चमकती हैं जब एक या दोनों बेल्स पर दोनों स्पाईगोट्स खांचे से हट जाते हैं, लेकिन वह वापस स्टंप्स पर बैठ भी सकते हैं। बुधवार को कुछ ऐसा ही हुआ, बायीं गिल्ली स्टंप्स के खांचे से निकल आई, कुछ पल के लिए बत्ती भी जली लेकिन वह वापस बैठ गई।