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Hindi News क्रिकेटबीसीसीआईः अयोग्य होने के बावजूद मीटिंग में जाने को लेकर श्रीनिवासन और निरंजन शाह से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

बीसीसीआईः अयोग्य होने के बावजूद मीटिंग में जाने को लेकर श्रीनिवासन और निरंजन शाह से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

पीठ ने कहा कि अयोग्य घोषित किया गया कोई भी व्यक्ति मनोनीत सदस्य के रूप में भी इस तरह की बैठक में शामिल नहीं हो सकता है...

Shivendu.shekharएजेंसी,दिल्ली Sat, 15 Jul 2017 06:15 AM

अयोग्य हैं तो कैसे गए मीटिंग में...

अयोग्य हैं तो कैसे गए मीटिंग में...1 / 2

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की विशेष आमसभा में शामिल होने पर इसके पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और पूर्व सचिव निरंजन शाह को आड़े हाथ लिया। कोर्ट ने इस मुद्दे पर दोनों से जवाब मांगते हुए नोटिस जारी किया है। 

जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खालविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि अयोग्य घोषित किया गया कोई भी व्यक्ति मनोनीत सदस्य के रूप में भी इस तरह की बैठक में शामिल नहीं हो सकता है। 

श्रीनिवासन और शाह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की हाल ही में हुई विशेष आमसभा में राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के नामित प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए थे। इस मुद्दे पर पीठ ने दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इस मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी। 

आगे की स्लाइड में जानें कोर्ट में प्रशासकों की समिति ने क्या पेश किया था... 

गुहा और विक्रम लिमेय का इस्तीफा मंजूर

गुहा और विक्रम लिमेय का इस्तीफा मंजूर 2 / 2

इस बीच, पूर्व कैग(CAG) विनोद राय की अध्यक्षता वाली प्रशासकों की समिति ने अपनी चौथी स्थिति रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। इसमें विशेष आमसभा की एक सीडी संलग्न की। रिपोर्ट में कहा गया कि श्रीनिवासन और शाह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से किसी भी पद पर रहने के अयोग्य हैं और ऐसे में वे राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के मनोनीत सदस्य के रूप में विशेष आमसभा में शामिल नहीं हो सकते हैं। पीठ ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर इस मामले पर फैसला करेगी और उसने प्रशासकों की समिति की रिपोर्ट में उठाई गई आपत्तियों पर श्रीनिवासन और शाह से जवाब मांगा है।

गुहा और लिमये के इस्तीफे मंजूर

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति से राम चंद्र गुहा और विक्रम लिमये के त्यागपत्र स्वीकार करते हुए उन्हें उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। इन दोनों ने बीसीसीआई के प्रशासक के रूप में काम करने में असमर्थता व्यक्त करते हुए त्यागपत्र दे दिया था।