विवादों से घिरे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से मंजूरी मिलने से पहले ही गैरमान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट लीग टी20 टूर्नामेंट के लिए नीलामी आयोजित करके नया विवाद खड़ा कर दिया। बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक पैनल पहले ही सिफारिश कर चुकी है कि किसी राज्य टी20 लीग को हरी झंडी देने से पहले बीसीसीआई को कड़े दिशानिर्देश देने चाहिए और बीसीए ने पूर्व में मंजूरी लिए बिना ही शनिवार को खिलाड़ियों की नीलामी आयोजित कर दी।
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यह टूर्नामेंट कार्यक्रम के अनुसार 21 से 27 मार्च के बीच पटना में होना है जिसमें पांच फ्रेंचाइजी टीमें अंगिका एवेंजर्स, भागलपुर बुल्स, दरभंगा डायमंड्स, गया ग्लैडिएटर्स और पटना पायलट्स भाग ले रही है। मैचों का एक निजी खेल चैनल पर प्रसारण किया जाएगा और बोली प्रति खिलाड़ी 50,000 रुपये रखी गई थी।बीसीसीआई के राज्यस्तरीय लीग को मंजूरी देने से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ''जहां तक मैं जानता हूं बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) को 28 फरवरी की शाम तक किसी टी20 लीग के आयोजन को लेकर कोई मंजूरी नहीं दी गई है।"
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जब बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मंजूरी लेने के लिए आवेदन किया गया था। तिवारी ने कहा, ''हमने बीसीसीआई से अनुमति मांगी थी लेकिन अभी तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है। हम इंतजार नहीं कर सकते थे क्योंकि कर्नाटक और तमिलनाडु प्रीमियर लीग से जुड़े विवादों के बाद बीसीसीआई ने एक महीने से भी अधिक समय से मंजूरी नहीं दी है।