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Hindi News क्रिकेटतेज गेंदबाज पैट कमिंस के लिए आसान नहीं होगी ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी, जानें वजह

तेज गेंदबाज पैट कमिंस के लिए आसान नहीं होगी ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी, जानें वजह

पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस से इस बात पर विचार करने को कहा गया था कि एशेज सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया को अपने तेज गेंदबाजों को रोटेट करना चाहिए या नहीं। इसके जवाब में उन्होंने...

तेज गेंदबाज पैट कमिंस के लिए आसान नहीं होगी ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी, जानें वजह
वार्ता,नई दिल्लीSun, 21 Nov 2021 10:00 AM

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पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस से इस बात पर विचार करने को कहा गया था कि एशेज सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया को अपने तेज गेंदबाजों को रोटेट करना चाहिए या नहीं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सभी तेज गेंदबाजों के पांच टेस्ट खेलने की संभावना नहीं है। मैं निश्चित रूप से आराम करने या टीम से बाहर रहने के बारे में तब तक नहीं सोचूंगा, जब तक मेरा फॉर्म और फिटनेस सही चलता रहता है।" आने वाले दिनों में इस बात की संभावना ज्यादा है कि टिम पेन के इस्तीफा देने के बाद कमिंस को ऑस्ट्रेलिया के अगले टेस्ट कप्तान के रूप में नॉमिनेट किया जाएगा। हालांकि कप्तान के तौर पर कमिंस के सामने कई चुनौतियां होंगी।

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कमिंस की कहानी का एक उल्लेखनीय हिस्सा यह है कि वे ऑस्ट्रेलिया के सबसे टिकाऊ तेज गेंदबाज बन गए हैं। 2017 में टेस्ट क्रिकेट में उनकी वापसी के बाद से केवल स्टुअर्ट ब्रॉड, जेम्स एंडरसन, नाथन लायन और आर अश्विन ने ही उनसे अधिक ओवर फेंके हैं। उनके शानदार डेब्यू के बाद उन्हें छह साल के लिए टेस्ट क्रिकेट में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिला था। हालांकि एक बात तय है कि अब उस टिकाऊपन की परीक्षा और समीक्षा दोनों होगी। हाल ही में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि कमिंस बैक टू बैक पांच टेस्टों के दबाव का सामना कर सकते हैं जो दिसंबर की शुरुआत से जनवरी के मध्य तक होने वाले हैं। वे 2019 एशेज में सभी पांच टेस्ट खेलने वाले ऑस्ट्रेलिया के एकमात्र तेज गेंदबाज़ थे। हालांकि इंग्लैंड में परस्थितियां उतनी ज्यादा मुश्किल नहीं हैं।

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अगर उनका प्रमोशन तय है, तो यह ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट और कमिंस, दोनों के लिए एक अज्ञात दुनिया में एक यात्रा की तरह होगा। किसी भी फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करने वाले पिछले तेज गेंदबाज रे लिंडवॉल थे, जिन्होंने 1956 में एक टेस्ट के लिए ऐसा किया था। हालांकि एक विकेटकीपर के लिए भी कप्तान की भूमिका उतनी आसान नहीं हैं। पेन के जाने के बाद या उससे पहले के घटनाक्रम के आधार पर एक प्रश्न लगातार उठने लगा है कि क्या ऑस्ट्रेलियाई टीम में नेतृत्व करने वाले खिलाड़ियों की संख्या कम हो रही है।

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