भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का आखिरी और निर्णायक टेस्ट मैच ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर खेला गया था। मैच के चौथे दिन डेविड वॉर्नर और मार्कस हैरिस ने मिलकर अच्छी शुरुआत दी थी। ऑस्ट्रेलिया की नजर भारत के खिलाफ बड़ा लक्ष्य रखने पर थी, हैरिस और वॉर्नर तेजी से रन बना रहे थे, लेकिन इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने जबर्दस्त वापसी की थी। शार्दुल ठाकुर ने हैरिस को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई थी। शार्दुल ने हैरिस के विकेट के पीछे की कहानी बताई है।
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स्पोर्ट्स टुडे से बात करते हुए शार्दुल ने कहा, 'हमें ऐसी ही उम्मीद थी कि वह हमारे खिलाफ तेजी से रन बनाएंगे और ऐसा ही हुआ। उन्हें काफी अच्छी शुरुआत मिली थी। छह ओवर के मैच के बाद दिन का खेल खत्म हुआ और फिर अगले दिन हम तरोताजा होकर आए। अगले दिन भी दोनों बल्लेबाज तेजी से रन बनाने में जुटे थे। तो उनका प्लान क्लीयर था कि तेजी से रन बनाकर हमारे सामने बड़ा लक्ष्य रखें।'
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उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन उस समय पर एक गेंदबाज के तौर पर मुझे लगा कि अगर हम यहां एक विकेट ले लेंगे तो वह तेजी से रन नहीं बना पाएंगे। आइडिया यही था कि वह गेंद हम डालें जिस पर विकेट निकले। अगर मैं अपने स्पैल की बात करूं तो मैंने हैरिस को कई गुड लेंथ गेंदें डाली थीं, मुझे लगा था कि अब बाउंसर फेंकने का समय आ गया है। मैंने ट्राय किया और मुझे उनका विकेट मिल गया। इसके बाद हमारे गेंदबाजों ने जबर्दस्त वापसी की, इसके बात सभी में अलग ऊर्जा भर गई और मैच एकदम से पलट गया।' शार्दुल ने दूसरी पारी में 61 रन देकर चार विकेट लिए, जबकि मोहम्मद सिराज ने 73 रन देकर पांच विकेट लिए थे। ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी में 294 रनों पर ऑलआउट हो गया था।