आर अश्विन लंबे समय तक वनडे टीम का हिस्सा क्यों नहीं थे? दिग्गज स्पिनर ने बताया कारण
आर अश्विन लंबे समय तक वनडे टीम का हिस्सा क्यों नहीं थे? इसके पीछे का कारण दिग्गज स्पिनर अमित मिश्रा ने बताया है और कहा है कि फील्डिंग एकमात्र ऐसी चीज है, जो अश्विन को बाकियों से पीछे धकेलती है।

रविचंद्रन अश्विन को लेकर इस समय हर तरफ चर्चा हो रही है, क्योंकि उनको एकाएक वनडे टीम में चुन लिया गया है। इससे ये भी संकेत मिले हैं कि उनको आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 के लिए भी भारतीय टीम में जगह मिल सकती है। इसके पीछे का कारण ये है कि अक्षर पटेल चोटिल हैं और भारत की टीम में कोई ऑफ स्पिनर नहीं है। भारत में वर्ल्ड कप होना है और यहां स्पिनरों को मदद मिलती है। हालांकि, उनको वनडे टीम से बाहर क्यों किया गया था? इसका कारण पूर्व स्पिनर अमित मिश्रा ने बताया है।
पिछले 6 साल में अश्विन ने सिर्फ दो ही मैच खेले हैं। भारत के पास कुछ ही स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं और आर अश्विन उनमें शीर्ष पर हैं। हालांकि, उनको व्हाइट बॉल क्रिकेट में उतने मौके पिछले कुछ समय में नहीं मिले हैं, लेकिन वे घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में लगातार एक्टिव हैं। वहीं, अगर अमित मिश्रा की मानें तो अश्विन को वनडे टीम से इसलिए बाहर किया गया था, क्योंकि उनकी फील्डिंग स्किल अच्छी नहीं थी। हालांकि, अश्विन टेस्ट टीम में लगातार खेलते हुए आ रहे हैं।
जियोसिनेमा और स्पोर्ट्स18 के क्रिकेट एक्सपर्ट अमित मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए अश्विन को क्वालिटी बॉलर और एक विकेट टेकर बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि आपको 10 ओवर फेंकने के अलावा 40 ओवर फील्डिंग भी करनी होती है और फिर बल्लेबाजी के लिए भी उतरना होता है। उन्होंने कहा, "अश्विन निस्संदेह एक क्वालिटी बॉलर हैं और विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, लेकिन याद रखें कि यह 20 ओवर का खेल नहीं है। यह 50 ओवर का होता है। आपको 10 ओवर गेंदबाजी और 40 ओवर तक फील्डिंग करनी होगी और बल्लेबाजी भी करनी पड़ सकती है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि वह इतने लंबे समय से क्रिकेट खेल रहे हैं, विकेट लेने वाले गेंदबाज भी रहे हैं, लेकिन फील्डिंग का भी मामला है और इसीलिए एक युवा खिलाड़ी को चुना जा सकता है। उन्हें चुने जाने का एकमात्र कारण यह है कि अगर कोई स्पिनर घायल हो जाता है, तो टीम के पास विकेट लेने का विकल्प होना चाहिए, जो अश्विन हैं। ऑफ-स्पिन विकल्प के रूप में अश्विन को बढ़त मिल गई है, क्योंकि भारत के पास पहले से ही दो बाएं हाथ के स्पिनर और कुलदीप यादव के रूप में एक कलाई का स्पिनर है।"
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मिश्रा ने आगे कहा, "भारतीय टीम यह देख रही होगी कि अश्विन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कैसी गेंदबाजी करेंगे और यह आकलन करेंगे कि क्या उनमें अभी भी इस प्रारूप में विकेट लेने की क्षमता है। उनके टीम में नहीं होने का एकमात्र कारण उनकी फील्डिंग और दाएं हाथ से बल्लेबाजी करने की क्षमता है। जडेजा और अक्षर दोनों लेफ्टी हैं। वॉशिंगटन एक युवा खिलाड़ी हैं और उन्होंने बल्लेबाजी विकल्प के अलावा विकेट लेने की क्षमता भी दिखाई है। साथ ही, वह अपनी फील्डिंग से भी बढ़त हासिल करते हैं, जिसका वनडे में काफी महत्व है।"
