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Hindi News क्रिकेटविजय हजारे ट्रॉफी 2018 : दिल्ली को 4 विकेट से हराकर 11 साल बाद चैम्पियन बना मुंबई

विजय हजारे ट्रॉफी 2018 : दिल्ली को 4 विकेट से हराकर 11 साल बाद चैम्पियन बना मुंबई

मुंबई ने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद आदित्य तारे और सिद्धेष लाड की दबाव में खेली गई बेहतरीन पारियों के दम पर दिल्ली को 4 विकेट से हराकर तीसरी बार विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय टूर्नामेंट का...

विजय हजारे ट्रॉफी 2018 : दिल्ली को 4 विकेट से हराकर 11 साल बाद चैम्पियन बना मुंबई
भाषा। ,बेंगलुरू।Sat, 20 Oct 2018 05:10 PM
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मुंबई ने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद आदित्य तारे और सिद्धेष लाड की दबाव में खेली गई बेहतरीन पारियों के दम पर दिल्ली को 4 विकेट से हराकर तीसरी बार विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया। मुंबई ने 178 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 40 रन पर 4 विकेट गंवा दिये थे, लेकिन इसके बाद आदित्य तारे (89 गेंदों पर 71 रन) और सिद्धार्थ लाड (68 गेंदों पर 48 रन) ने पांचवें विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी कर मुंबई को जीत दिला दी। मुंबई ने 2006-07 के बाद पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब अनने नाम किया है। दिल्ली की टीम टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर 45.4 ओवर में 177 रन पर आउट हो गई। उसकी तरफ से हिम्मत सिंह ने सर्वाधिक 41 रन बनाए। मुंबई के लिए मध्यम गति के गेंदबाज तुषार देशपांडे (30 रन देकर दो), अनुभवी धवल कुलकर्णी (30 रन देकर तीन) और शिवम दुबे (29 रन देकर तीन) ने दिल्ली को कम स्कोर पर समेटने में अहम भूमिका निभाई। 
    
मुंबई ने 11 साल बाद जीता विजय हजारे ट्रॉफी
    
41 बार की रणजी ट्रॉफी चैंपियन मुंबई ने तीसरी बार विजय हजारे ट्रॉफी जीती है। इससे पहले उसने 2003-04 और 2006-07 में खिताब जीता था। दिल्ली 2012-13 में चैंपियन बना था। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में दोनों टीमों की शुरुआत अच्छी नहीं रही। पहले बल्लेबाजी का न्यौता पाने वाली दिल्ली ने कप्तान गौतम गंभीर सहित तीन विकेट 21 रन पर गंवा दिए थे, जबकि मुंबई के भी तीन बल्लेबाज 25 रन पर पवेलियन लौट गए थे। इनमें युवा सनसनी पृथ्वी शॉ और अनुभवी अंजिक्य रहाणे भी शामिल थे। नवदीप सैनी (53 रन देकर तीन विकेट) ने मुंबई के शीर्ष क्रम को झकझोरने में अहम भूमिका निभाई। पृथ्वी (आठ) ने उनकी पहली दो गेंदों पर चौके लगाए लेकिन बेहतरीन लेंथ से की गई तीसरी गेंद इस युवा बल्लेबाज का विकेट उखाड़ ले गई। सैनी ने इसके बाद रहाणे (10) को पगबाधा आउट किया जबकि सूर्यकुमार यादव (चार) को दूसरी स्लिप में कैच कराया। 

आदित्य तारे-सिद्धेष लाड ने मुंबई को दिलाई जीत    
मुंबई को कप्तान श्रेयस अय्यर से काफी उम्मीदें थीं, जिन्होंने सेमीफाइनल में नाबाद अर्धशतक जमाया था। अय्यर को जीवनदान भी मिला लेकिन उन्होंने बाहर जाती गेंदों से छेड़छाड़ जारी रखी और केवल सात रन बनाकर विकेटकीपर उन्मुक्तचंद को कैच दे बैठे। तारे और लाड ने यहीं से जिम्मेदारी संभाली। इन दोनों ने रक्षात्मक और आक्रामक बल्लेबाजी का अच्छी तरह संयोजन बिठाया। मनन शर्मा ने तारे को पगबाधा करके यह साझेदारी तोड़ी लेकिन दिल्ली के लिए तब तक काफी देर हो चुकी थी। तारे ने अपनी पारी में 13 चौके और एक छक्का लगाया। लाड भी अंतिम क्षणों में पवेलियन लौटे। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और दो छक्के लगाए। दुबे 19 रन बनाकर नाबाद रहे। इससे पहले गंभीर (एक) ने पारी के दूसरे ओवर में ही देशपांडे की गेंद स्लैश करने के प्रयास में थर्डमैन पर कैच दिया जबकि उन्मुक्त (13) का खराब फॉर्म यहां भी जारी रहा। कुलकर्णी की गेंद पर रहाणे ने डाइव लगाकर उनका कैच लिया। जबकि मनन शर्मा (पांच) ने देशपांडे की गेंद को विकेटकीपर के दस्तानों में पहुंचाया। 
    
उन्मुक्त चंद का खराब फॉर्म फाइनल में भी रहा जारी     
दिल्ली ने इसके बाद भी नियमित अंतराल में विकेट गंवाए। दुबे ने नितीश राणा (13) के रूप में अपना पहला विकेट लिया। जब टीम संकट में थी तब ध्रुव शोरे (31) और हिम्मत सिंह (41) से अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने की उम्मीद थी लेकिन इन दोनों ने आसानी से अपने विकेट इनाम में दिए। दिल्ली का 200 रन के पार पहुंचने की उम्मीदों को तब करारा झटका लगा जब सेमीफाइनल के उसके नायक पवन नेगी चोटिल होकर रिटायर्ड हर्ट हो गए। उन्होंने मैदान छोड़ने से पहले 19 गेंदों पर दो चौकों और एक छक्के की मदद से 21 रन बनाए थे। सुबोध भाटी (25) ने तीन छक्के जड़े जिससे दिल्ली कुछ हद तक एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच पाया।

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