कोंस्टास की बैटिंग देख शास्त्री को आई वीरेंद्र सहवाग की याद, कहा- भारतीय खिलाड़ियों की मुस्कान गायब हो गई
- ऑस्ट्रेलिया के लिए पहला टेस्ट मैच खेल रहे सैम कोंस्टास ने पहली ही पारी में जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी गेंदबाजों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन किया। उनकी इस पारी की रवि शास्त्री ने तारीफ की है।
सैम कोंस्टास ने जसप्रीत बुमराह के खिलाफ अपनी बेबाक बल्लेबाजी से एमसीसी पर बल्लेबाजी करने के तरीके की धज्जियां उड़ा दीं। उनकी बेखौफ बैटिंग को लेकर पूर्व क्रिकेटर ने प्रशंसा की है। पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने गुरुवार को कहा कि इस ऑस्ट्रेलियाई युवा ने उन्हें दिग्गज वीरेंद्र सहवाग की याद दिला दी।
19 वर्षीय कोंस्टास ने टेस्ट पदार्पण पर अपनी शानदार बल्लेबाजी से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने आधुनिक क्रिकेट के सबसे सम्मानित तेज गेंदबाजों में से एक बुमराह की गेंद पर अपने रैंप शॉट से भारतीय खेमे को हैरत में डाल दिया।
शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी ने खेल के किसी भी प्रारूप में बुमराह के खिलाफ इस तरह बल्लेबाजी की है, लाल गेंद के क्रिकेट की तो बात ही छोड़िए। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के आत्मविश्वास के साथ मैदान पर उतरना और कुछ बेहतरीन शॉट लगाने की कोशिश करना, यह कुछ और ही था। उसने एमसीसी पर बल्लेबाजी करने के तरीके की धज्जियां उड़ा दीं। ’’
शास्त्री ने कहा कि एक समय ऐसा लगा कि भारत के पास कोई योजना ही नहीं बची है। उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में वह पहले दो शॉट चूक गया और भारतीय खिलाड़ियों के चेहरों पर मुस्कान थी। उन्होंने सोचा ‘अगर वह मौके बनायेगा तो हम उसे जल्दी आउट कर देंगे।’ लेकिन जैसे ही वह ऐसा करने लगा, सारी मुस्कान गायब हो गई। आइडिया गायब हो गए। ’’
शास्त्री ने कहा कि कोंस्टास भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सहवाग की तरह पूरी तरह से मनोरंजन करने वाले खिलाड़ी हैं और उन्होंने इस युवा खिलाड़ी के ऑस्ट्रेलिया में सफल करियर की भविष्यवाणी की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि जिस तरह से वह खेलता है और जो मौके लेता है उसमें उसे कुछ असफलता भी मिलेंगी। वह मुझे वीरेंद्र सहवाग की याद दिलाता है जब वह पहली बार मैदान पर उतरा था। जब वह खेलता तो दर्शकों का मनोरंजन करता। वह मनोरंजन करने के लिए ही पैदा हुआ। अगर वह ऑस्ट्रेलिया के लिए कुछ समय तक खेलता है तो वह बिल्कुल वैसा ही करेगा। ’’ ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज जस्टिन लैंगर ने कहा कि कोंस्टास ने जो किया है, वह आसान नहीं है।