
'मारता रह, इधर ही मार इसको', जब विराट कोहली ने मिचेल स्टार्क के खिलाफ गेंदबाज को उकसाया था
संक्षेप: तेज गेंदबाज ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट का किस्सा शेयर किया था। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पर्थ में खेले पहले टेस्ट में उनके और मिचेल स्टार्क के बीच खूब स्लेजिंग हुई थी। राणा ने बताया कि जब उन्होंने स्टार्क को बाउंसर फेंके तब कोहली ने चिल्लाकर कहा- मारता रह, इधर ही मार इसको।
पिछले साल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच के दौरान डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज हर्षित राणा और ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क में खूब स्लेजिंग हुई थी। अब राणा ने पर्थ टेस्ट की उस स्लेजिंग के पर्दे के पीछे की कहानी बताई है। उन्होंने बताया कि कैसे जब उन्होंने मिचेल स्टार्क को बाउंसर फेंके तब विराट कोहली उन्हें लगातार कहते रहे, 'मारता रह, मारता रह, इधर ही मार इसको।' राणा तब बाउंसर तो फेंकते रहे लेकिन डर भी रहे थे कि जब उनकी बल्लेबाजी की बारी आएगी तब स्टार्क उन्हें छोड़ेंगे नहीं। और बाद में हुआ भी कुछ ऐसा ही था।

मिचेल स्टार्क और हर्षित राणा दोनों ही आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ एक ही टीम में खेल चुके थे। पर्थ टेस्ट में राणा ने जब स्टार्क को बाउंसरों से परेशान कर दिया तब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने मुस्कुराते हुए उन्हें चेतावनी दी थी, 'हर्षित, मैं तुमसे तेज गेंद फेंकता हूं। मेरी याददाश्त बहुत तेज है।' लगातार दो ओवर में परेशान करने के बाद राणा ने आखिरकार स्टार्क को 26 रन पर आउट कर दिया था।
भारतीय गेंदबाज ने अब उस वाकये पर खुलकर बात की है और बताया कि असल में हुआ क्या था। उन्होंने कहा कि स्लिप में फील्डिंग कर रहे विराट कोहली और केएल राहुल लगातार चिल्ला रहे थे कि मार इसे। मार इसे।
राणा ने BeerBiceps पॉडकास्ट में बताया, 'मैंने काफी समय बाद उसको एक बाउंसर डाला। उनमें से एक उसके हेल्मेट से टकराई। जब उसने स्लेजिंग की तो मैं बस हंस दिया। लेकिन रन-अप के लिए जाते वक्त मैं सोच रहा था- मर गया। अब ये मारेगा मुझे बाउंसर। लेकिन तब पीछे से विराट भाई और केएल भाई चिल्ला रहे थे, 'मारता रह, मारता रह, इधर ही मार इसको।' मेरा हाल यह था भैया आप तो खेल लोगे, मेरे तो लगेगी सर पे।'
मिचेल स्टार्क खुद पर पड़े बाउंसर भूले नहीं थे और दूसरे टेस्ट में ही उन्होंने हर्षित राणा से हिसाब बराबर कर लिया। राणा ने बताया, ‘उसने दूसरे टेस्ट में मेरे हेल्मेट पर गेंद मारी।’
भारत ने पर्थ टेस्ट को 295 रन के विशाल अंतर से जीत लिया। हालांकि, टीम उस लय को बरकरार नहीं रख पाई। दूसरे टेस्ट में उसे 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा। चौथे टेस्ट को ऑस्ट्रेलिया ने 184 रन और पांचवें टेस्ट को 8 विकेट से जीत लिया। इस तरह भारत को सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था।






