
हमारी छोरियां कम नहीं! भारतीय टीम का 52 साल का इंतजार खत्म, दक्षिण अफ्रीका को चित कर बनीं चैंपियन
संक्षेप: India Women vs South Africa Women Final: मेजबान भारत ने आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया है। भारतीय टीम ने खिताबी मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को करारी शिकस्त दी।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम का वर्ल्ड कप जीतने का 52 साल का इंतजार खत्म हो गया है। भारत रविवार को आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 चैंपियन बन गया। हमरनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम ने नवी मुंबई में खेले गए फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से धूल चटाई और पहली आईसीसी ट्रॉफी जीती।। भारत टूर्नामेंट का संयुक्त मेजबान था। भारत ने तीसरे प्रयास में खिताब पर कब्जा जमाया। भारत इससे पहले 2017 और 2005 में महिला वर्ल्ड कप फाइनल में उतरा था लेकिन निराश हाथ लगी। 25 साल बाद नया चैंपियन मिला है। ऑस्ट्रेलिया सबसे सफल टीम है, जिसने सात ट्रॉफी अपने नाम कीं।

भारत ने फाइनल में 299 रनों का मुश्कलि लक्ष्य रखा। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 45.3 ओवर में 246 रनों पर ढेर हो गई। ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने 9.3 ओवर में 39 रन देकर पांच विकेट चटकाए। शेफाली वर्मा ने दो और श्री चरणी ने एक शिकार किया। दक्षिण अफ्रीका की दो खिलाड़ी रनआउट हुईं। दक्षिण अफ्रीका के लिए कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने शतक ठोका। उन्होंने 98 गेंदों में 11 चौकों और एक छक्के की मदद से 101 रनों की पारी खेली। उन्होंने ताजमिन ब्रिट्स (25) के साथ 51 रन जोड़कर टीम को सधी हुई शुरुआत दिलाई।
एनेके बॉश का खाता नहीं खुला। वोल्वार्ड्ट ने सुने लुस (25) के संग तीसरे विकेट के लिए 52 रनों की साझेदारी की। मारिजान कप्प (4) और सिनालो जाफ्ता (16) सस्ते में आउट हुईं। हालांकि, कप्तान दूसरी छोर पर जटी रहीं। उन्होंने एनेरी डर्कसेन (35) के साथ छठे विकेट के लिए 61 रनों की पार्टनरशिप की। दीप्ति ने 42वें ओवर में वोल्वार्ड्ट और क्लो ट्रायोन (9) को पवेलियन भेजकर दक्षिण अफ्रीका की उम्मीदों को तगड़ा झटका दिया। दक्षिण अफ्रीका की ओर से आउट होने वाली आखिरी प्लेयर नादिन डी क्लर्क (19) रहीं, जो दीप्ति का शिकार बनीं।
इससे पहले, भारत ने टॉस गंवाने के बाद निर्धारित 50 ओवर में सात विकेट के नुकसान पर 298 रन जुटाए। शेफाली वर्मा (78 गेंद में 87 रन) और दीप्ति शर्मा (58 गेंद में 58 रन) की पारियों के साथ ऋचा घोष की तेज तर्रार बल्लेबाजी (24 गेंद में 34 रन) के बूते भारत ने दमदार स्कोर खड़ा किया। शेफाली ने स्मृति मंधाना (58 गेंद में 45 रन) के साथ पहले विकेट के लिए शतकीय (106 गेंद में 104 रन) और जेमिमा रोड्रिग्स (37 गेंद में 24 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिए 62 गेंद में 62 रन की साझेदारी कर टीम को शानदार शुरुआत दिलाई लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने धीमी होती पिच पर बीच के ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी से भारत को 300 रन से अंदर राोक दिया।
शेफाली ने 21वें ओवर में सुने लुस की गेंद पर ऐनेक बॉश से मिले जीवनदान का फायदा उठाते हुए वनडे की अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी के दौरान सात चौके और दो छक्के लगाए। भारतीय टीम 26वें ओवर के बाद लगातार अंतराल पर विकेट गंवाते रही जिससे टीम शानदार शुरुआत के बावजूद रन गति को तेज करने में नाकाम रही। दीप्ति इस दौरान वनडे वर्ल्ड कप में 15 विकेट और 200 रन पूरे करने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनीं। उन्होंने अपनी पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया जबकि ऋचा ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए तीन चौके और दो छक्के जड़े। दक्षिण अफ्रीका के लिए आयोबोंगा खाका सबसे सफल गेंदबाज रहीं। उन्होंने 58 रन देकर तीन विकेट लिए।
कप्तान हरमनप्रीत कौर (29 गेंद में 20 रन) और दीप्ति ने इसके बाद सतर्कता से बल्लेबाजी करते हुए पारी आगे बढाई। भारतीय टीम 27वें से 32वें ओवर के बीच 17 रन ही बटोर सकी लेकिन दीप्ति ने काप के खिलाफ टूर्नामेंट का पहला छक्का जड़कर दबाव को कम किया।म्लाबा ने 39वें ओवर की आखिरी गेंद पर हरमनप्रीत को बोल्ड कर खतरनाक होती इस साझेदारी को तोड़ा। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 52 रन जोड़े। अमनजोत कौर (14 गेंद में 12 रन) क्लार्क की गेंद पर उन्हीं को कैच देकर पवेलियन लौटीं। भारतीय बल्लेबाज आखिरी दो ओवर में सिर्फ एक ही बाउंड्री लगा सकीं, जिससे टीम का स्कोर 300 रन तक नहीं पहुंच पाया।






