
शुभमन गिल का मैनचेस्टर में लाजवाब शतक, 35 साल का सूखा समाप्त; ब्रैडमैन-गावस्कर के क्लब में की एंट्री
संक्षेप: Shubman Gill Century: भारतीय टीम के युवा कप्तान शुभमन गिल ने मैनचेस्टर टेस्ट में शतक ठोका। उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में मोर्चा संभाला। गिल ने डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर के धाकड़ क्लब में एंट्री मारी है।
भारतीय टेस्ट टीम के युवा कप्तान शुभमन गिल का इंग्लैंड में एक बार फिर बल्ला बोला है। उन्होंने रविवार को इंडिया वर्सेस इंग्लैंड चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में लाजवाब शतक ठोका। गिल ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में संयम के साथ बैटिंग करते हुए 238 गेंदों में 103 रन बनाए। उन्होंने 12 चौके लगाए। गिल पांचवें दिन लंच ब्रेक से पहले पेसर जोफ्रा आर्चर का शिकार बने। यह 25 वर्षीय बल्लेबाज के टेस्ट करियर की नौवीं सेंचुरी है।
मैनचेस्टर में 35 साल का सूखा समाप्त
गिल मैनचेस्टर के मैदान पर टेस्ट सेंचुरी जड़ने वाले नौवें भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं। उन्होंने 35 साल का शतकीय सूखा समाप्त किया है। दरअसल, गिल से पहले मैनचेस्टर में शतक जड़ने वाले भारतीय प्लेयर सचिन तेंदुलकर थे। सचिन ने 1990 में यहां इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 189 गेंदों में 17 चौकों की बदौलत नाबाद 119 रन बनाए थे। यह महान बल्लेबाज सचिन के करियर का पहला टेस्ट शतक था।
ब्रैडमैन-गावस्कर के क्लब में की एंट्री
गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में चौथी शतकीय पारी खेली है। उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर के धाकड़ क्लब में एंट्री मारी है। गिल बतौर कप्तान एक टेस्ट सीरीज में संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा चार शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज ब्रैडमैन ने 1947/48 में भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में चार शतक जमाए। पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर ने 1978/79 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध सीरीज में ऐसा किया।
शुभमन गिल ने की कोहली की बराबरी
गिल एक टेस्ट सीरीज में भारत के लिए संयुक्त रूप से सर्वाधिक शतक लगाने वाले प्लेयर बन चुके हैं। उन्होंने गावस्कर और विराट कोहली की बराबरी की है। गावस्कर ने 1971 और 1978/79 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में चार-चार शतक लगाए थे। वहीं, स्टार बल्लेबाज कोहली ने 2014/15 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में इतने सेंचुरी लगाई थीं। गिल इंग्लैंड में एक टेस्ट सीरीज में 700 प्लस रन बनाने वाले पहले एशियन प्लेयर हैं।






