
खुशी है आप सुन रहे... गावस्कर की 'विदेशी अपना देखें' टिप्पणी पर ब्रैड हैडिन ने लिए मजे
संक्षेप: श्रेयस अय्यर को एशिया कप के लिए भारतीय स्क्वाड में शामिल नहीं किए जाने पर दूसरे देशों के भी तमाम पूर्व क्रिकेटरों ने सवाल उठाए थे। इस पर सुनील गावस्कर ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें अपने देश के क्रिकेट की चिंता करने की नसीहत दी थी। अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज ब्रैड हैडिन ने पलटवार किया है।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर ब्रैड हैडिन ने महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के 'विदेशी खिलाड़ी' वाले बयान पर पलटवार किया है। एशिया कप के लिए भारतीय टीम के स्क्वाड के ऐलान के बाद बाहर के कई पूर्व क्रिकेटरों ने चयनकर्ताओं के फैसले पर सवाल उठाए थे। खासकर पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर को स्क्वाड में तो दूर, रिजर्व खिलाड़ियों की लिस्ट में नहीं रखे जाने पर देश-विदेश से तमाम कड़ी प्रतिक्रियाएं आई थीं। उसको लेकर गावस्कर ने कहा था कि विदेशी खिलाड़ियों को अपने देश के क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिए, उन्हें भारतीय क्रिकेट से जुड़े मसलों पर टिप्पणी से बाज आना चाहिए। हैडिन ने लिटल मास्टर की उस टिप्पणी पर मजे लेते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि गावस्कर उन्हें सुनते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर ने कहा, 'मुझे खुशी है कि वह शो को सुन रहे हैं। हम तो दुनियाभर में चर्चित हो रहे हैं।' हैडिन ने भी अय्यर को भारतीय स्क्वाड में नहीं रखे जाने पर सवाल उठाए थे।
हमारा काम है राय देना और हम अपना काम कर रहे: हैडिन
हैडिन आईपीएल में श्रेयस अय्यर के साथ काम कर चुके हैं। वह अय्यर की अगुआई वाली पंजाब किंग्स के असिस्टेंट कोच रहे हैं। गावस्कर की टिप्पणी को लेकर उन्होंने कहा कि हमारा तो काम ही है दुनियाभर में क्रिकेट को लेकर राय देना।
ब्रैड हैडिन ने कहा, 'हमारा तो काम ही है क्रिकेट पर अपनी राय देना। हम वही कर रहे हैं। हमने उसे (श्रेयस अय्यर) आईपीएल में कोचिंग दी है और मैं अपने रुख पर कायम हूं। मैं हैरान था कि वह स्क्वाड में नहीं रखा गया और मैं दूसरे चुने हुए खिलाड़ियों को लेकर तो नहीं कह रहा कि वे वहां नहीं होने चाहिए। मैंने जो कहा वो इसलिए कहा कि उसने हमारे ग्रुप को शानदार तरीके से हैंडल किया, वह एक शानदार लीडर है और वह दबाव में आगे बढ़कर नेतृत्व करता है।'
गावस्कर ने क्या कहा था?
स्पोर्टस्टार के लिए लिखे अपने कॉलम में सुनील गावस्कर ने कहा, 'अचरज की बात यह है कि जिन विदेशियों का भारतीय क्रिकेट में कोई योगदान नहीं है और जिन्हें इसके बारे में बहुत कम जानकारी है, वे इस बहस में कूद पड़े और आग में घी डाल रहे। वे खिलाड़ी के तौर पर चाहे जितना भी महान क्यों न हों और चाहे वे कितनी भी बार भारत आ चुके हों, भारतीय टीम का चयन उनका बिलकुल भी काम नहीं है। उन्हें अपने देश के क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिए और हम भारतीयों को अपने क्रिकेट की चिंता करने देना चाहिए।'






