Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Every player s body is different one size fits for all would not work Sunil Gavaskar raised questions on the bronco test
हर खिलाड़ी का शरीर अलग, 'एक ही जूता सबका पैर' ठीक नहीं…गावस्कर ने ब्रोन्को टेस्ट पर उठाए सवाल

हर खिलाड़ी का शरीर अलग, 'एक ही जूता सबका पैर' ठीक नहीं…गावस्कर ने ब्रोन्को टेस्ट पर उठाए सवाल

संक्षेप: सुनील गावस्कर ने भारतीय क्रिकेटरों के लिए ब्रोन्को टेस्ट लाए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी का शरीर अलग होता है, भूमिका के हिसाब से भी फिटनेस लेवल अलग होनी चाहिए। 'वन साइज फिट्स ऑल' वाला रुख काम नहीं करेगा।

Wed, 10 Sep 2025 12:42 PMChandra Prakash Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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दिग्गज पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए यो-यो के अलावा ब्रोन्को फिटनेस टेस्ट लाए जाने को लेकर BCCI को आगाह किया है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के शरीर अलग-अलग होते हैं और उनके फिटनेस के टेस्ट के लिए इस पर भी विचार जरूरी है कि उनकी भूमिका क्या है। सबके पैर के लिए एक ही जूता नहीं हो सकता।

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स्पोर्ट्सस्टार के अपने कॉलम में गावस्कर ने लिखा है, 'इन टेस्ट का आइडिया ठीक है ताकि पता चले कि किसी खिलाड़ी को अपने शरीर को मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि नेशनल टीम में उनके चयन को लेकर फैसला हो सके। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है इसलिए स्क्वाड में सबके लिए एक ही मापदंड रखना ठीक नहीं है। खिलाड़ी की विशेषज्ञता पर विचार करने की जरूरत है।'

‘खिलाड़ी की क्या भूमिका, इसे भी ध्यान में रखने की जरूरत’

उन्होंने अपनी बात को समझाते हुए लिखा है, 'उदाहरण के लिए, एक विकेटकीपर पूरे दिन लगातार चहल-पहल करता रहता है, उसका फिटनेस लेवल दूसरों से अलग होता है। तेज गेंदबाज स्पिनरों से अलग होंगे, हालांकि स्पिनर बहुत ज्यादा गेंद डालते हैं। बल्लेबाजों के लिए एक अलग तरह की फिटनेस की जरूरत होगी। आप देख सकते हैं कि 'वन साइज फिट्स ऑल' जैसी चीज नहीं होती। जब तक इस बात को ध्यान दिया जाता रहेगा और नए टेस्ट के पैमानों को लागू करने में सख्ती नहीं दिखाया जाता, तब तक तो यह ठीक है।'

क्या है ब्रोन्को टेस्ट?

ब्रोन्को टेस्ट परंपरागत तौर पर रग्बी में होता है। इसमें खिलाड़ी सबसे पहले 20 मीटर के शटल रन को पूरा करता है और उसके बाद 40 मीटर और 60 मीटर की दौड़ लगानी पड़ती है। इन तीनों दौड़ को मिलाकर एक सेट बनता है और खिलाड़ी को बिना रुके हुए ऐसे 5 टेस्ट पूरे करने होते हैं।

एशिया कप के लिए यो-यो टेस्ट ही रखा गया था

भारतीय टीम में चयन के लिए फिलहाल यो-यो टेस्ट को फिटनेस का मापदंड रखा गया है जो ब्रोन्को टेस्ट के जैसा ही है। हालांकि ब्रोन्को टेस्ट यो-यो के मुकाबले कठिन है। एशिया कप 2025 से पहले भारतीय स्क्वाड को यो-यो की ही कसौटी पर परखा गया था।

धीरे-धीरे ब्रोन्को टेस्ट को भी किया जा सकता है लागू

ब्रोन्को टेस्ट को लॉन्च करने का आइडिया भारतीय टीम के कंडिशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने दिया है। फिलहाल इसे लागू नहीं किया गया है लेकिन आगे चलकर यो-यो टेस्ट के अलावा ब्रोन्को टेस्ट भी धीरे-धीरे लागू किया जा सकता है।

Chandra Prakash Pandey

लेखक के बारे में

Chandra Prakash Pandey
चन्द्र प्रकाश पाण्डेय टीवी पत्रकारिता से शुरुआत। न्यूज24, हमार टीवी, श्री न्यूज, फोकस न्यूज और न्यूज वर्ल्ड इंडिया में अलग-अलग भूमिकाओं के बाद 2016 में नवभारत टाइम्स.कॉम के साथ डिजिटल पारी का आगाज। देश, दुनिया, राजनीति, खेल, अदालत, अपराध से जुड़ीं खबरों पर लेखन। एनबीटी में करीब 9 साल की शानदार पारी के बाद मार्च 2025 से लाइव हिंदुस्तान का हिस्सा और स्पोर्ट्स डेस्क इंचार्ज। मूल रूप से यूपी के देवरिया के निवासी। सीखने और समझने के सतत क्रम में भरोसा। और पढ़ें
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