छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का गेम बिगाड़ेंगे KCR? अमित जोगी से यारी के मायने समझिए
गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री 2024 के आम चुनावों से पहले गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेसी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। वे एक गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने की राह पर हैं।

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित अजीत जोगी ने हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सुप्रीमो के चंद्रशेखर राव (KCR) से मुलाकात की। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। खासतौर से तब जब इसी साल कांग्रेस शासित इस राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अमित जोगी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी के बेटे हैं। दूसरी तरफ, KCR पिछले काफी समय से तेलंगाना के पड़ोसी राज्यों के नेताओं से मिल रहे हैं। पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) से भारत राष्ट्र समिति (BRS) करने के बाद से केसीआर देशव्यापी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में दोनों नेताओं की मुलाकात चुनावों को ध्यान में रखकर अहम मानी जा रही है। केसीआर से मिलने के लिए हाल ही में आए अन्य राज्यों के नेताओं में ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग (उन्होंने बाद में घोषणा की कि वे बीआरएस में शामिल हो रहे हैं), और महाराष्ट्र के पूर्व सांसद छत्रपति संभाजीराजे शामिल हैं। संभाजीराजे मराठा नायक छत्रपति शिवाजी के वंशज हैं।
कांग्रेस में नहीं होगा जेसीसी (जे) का विलय
इस तरह की अटकलें थीं कि जेसीसी (जे) का कांग्रेस में विलय हो सकता है। लेकिन अब इन अटकलों पर विराम लग चुका है। अमित जोगी ने इसे स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "यह हमारी पार्टी के सिद्धांतों और संविधान के पूरी तरह से खिलाफ है।" गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री 2024 के आम चुनावों से पहले गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेसी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। वे एक गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने की राह पर हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ चुनावों में केसीआर अगर अमित जोगी का समर्थन करते हैं तो यह एक बड़ा कदम होगा।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बुधवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय-सह-आधिकारिक आवास ‘प्रगति भवन’ पहुंचे और राव के साथ बैठक की। राष्ट्रीय राजनीति में वैकल्पिक राजनीतिक ताकतों की जरूरत पर जोर देने वाले पूर्व विधायक अमित जोगी ने बीआरएस के गठन का स्वागत किया है।
अमित जोगी ने जमकर की KCR की तारीफ
विज्ञप्ति के अनुसार, जोगी ने बेहद कम समय में तेलंगाना राज्य के शासन को देश के लिए ‘रोल मॉडल’ बनाने और इसे (तेलंगाना को) कल्याणकारी योजनाओं तथा विकास के मामले में अग्रणी बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करने को लेकर राव को बधाई दी। वहीं मुख्यमंत्री ने अमित जोगी को बीआरएस के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में बताया। इस मौके पर अमित जोगी ने राव को अपने पिता की आत्मकथा भी भेंट की।
जेसीसी (जे) का उद्देश्य एक क्षेत्रीय पार्टी बनना है जो भाजपा और कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे सके। दोनों राष्ट्रीय दलों ने वैकल्पिक रूप से छत्तीसगढ़ में सत्ता बरकरार रखी है। लेकिन कुछ समय से दोनों में अंदरूनी कलह सामने आई है। 2018 के पहले विधानसभा चुनाव में जेसीसी (जे) ने एक अलग पार्टी के रूप में चुनाव लड़ा। इसने 57 सीटों पर लड़ाई लड़ी और पांच पर जीत हासिल की। इसे राज्य का कुल 7.6% वोट भी मिला। हालांकि, 2020 में अजीत जोगी के निधन के बाद से सदन में इसकी संख्या घटकर 2 रह गई है।
ऐसे कम हुईं जेसीसी (जे) की तीन सीटें
अमित जोगी ने विधायक धरमजीत सिंह (लोरमी निर्वाचन क्षेत्र) को पिछले साल भाजपा में शामिल होने की कोशिश करने के लिए निष्कासित कर दिया था। पिता अजीत जोगी के निधन के बाद उनकी मरवाही सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बाजी मार ली। इसके अलावा, खैरागढ़ विधानसभा का हाल भी ऐसा ही हुआ। इस सीट से JCC (J) के देवव्रत सिंह जीते थे लेकिन 2021 में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। बाद में हुए उपचुनाव में इस सीट पर कांग्रेस विजयी हुई। जेसीसी (जे) के बाकी बचे दो विधायकों में से एक खुद अमित जोगी की मां रेणु जोगी हैं, जबकि दूसरे विधायक प्रमोद शर्मा बलौदा बाजार से हैं। उनके बारे में कहा जा रहा है कि वह बीजेपी के साथ बातचीत कर रहे हैं।
किसी से गठबंधन नहीं- अमित जोगी
अमित जोगी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आने वाले दिनों में जेसीसी (जे) "सभी समान विचारधारा वाले दलों के साथ" मिलेगी। उन्होंने कहा, "पिछले महीने मैंने अपने जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत 27 निर्वाचन क्षेत्रों को कवर किया।" बीआरएस के बारे में उन्होंने कहा कि अभी तक गठबंधन पर कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी। मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव मेरे पिता के पुराने मित्र हैं। अभी किसी भी पार्टी से गठबंधन की बात करना जल्दबाजी होगी। उन्होंने अब राष्ट्रीय स्तर पर एक पार्टी बनाई है और हमने इस पर चर्चा की। मुझे खुशी है कि एक गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी राष्ट्रीय विकल्प बना है, और मैंने अपनी तरफ से उनके अच्छे होने की कामना की। यह राष्ट्र के लिए अच्छा है कि अधिक विकल्प हैं, और उम्मीद है कि भारतीय राजनीति में संतुलन होगा।”
भाजपा को रोक सकते हैं क्षेत्रीय दल- जोगी
छत्तीसगढ़ और हैदराबाद के बीच संबंधों के बारे में बात करते हुए, अमित जोगी ने कहा: "यह एक तथ्य है कि छत्तीसगढ़ से बहुत सारे लोग हैदराबाद जाते हैं, और कई हैदराबाद से यहां आते हैं। इसलिए बहुत अंतरराज्यीय संपर्क है, और मुझे यकीन है कि हमें मिलने वाला कोई भी समर्थन हमारे लिए फायदेमंद होगा। लेकिन मुझे नहीं पता कि वह (केसीआर) यहां आएंगे या नहीं।" अमित ने कहा कि अन्य क्षेत्रीय दल भाजपा को सत्ता से बाहर रखने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पिता और मैं हमेशा मानते थे कि केवल क्षेत्रीय दलों का गठबंधन ही भाजपा को रोक सकता है। चाहे वह ममता दीदी (ममता बनर्जी), श्री केसीआर, श्री (अरविंद) केजरीवाल या श्री (नवीन) पटनायक हों, वे भाजपा को रोकने में सफल रहे हैं, और मुझे उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ में भी हम इसे हासिल कर सकते हैं।"