धमतरी के कुएं में गिरे तेंदुआ को रेस्क्यू कर निकाला, बलरामपुर के एक गांव पहुंचा भालू, मानपुर-मोहला में हाथियों की दस्तक
गर्मी शुरू होते ही वन्य जीवों की आबादी क्षेत्रों में दस्तक शुरू हो गई है। भोजन की तलाश में वन्य प्राणी गांवों की तरफ पहुंच रहे हैं। हाथी, तेंदुआ, भालू सहित अन्य जीवों को लेकर जंगल के आसपास...

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गर्मी शुरू होते ही वन्य जीवों की आबादी क्षेत्रों में दस्तक शुरू हो गई है। भोजन की तलाश में वन्य प्राणी गांवों की तरफ पहुंच रहे हैं। हाथी, तेंदुआ, भालू सहित अन्य जीवों को लेकर जंगल के आसपास बसे गांवों में दहशत का माहौल है। रविवार को धमतरी जिले के एक गांव में भोजन की तलाश में पहुंचा तेंदुआ कुआं में गिर गया। वहीं बलरामपुर जिले के चांदो रेंज के जावाखाड़ गांव में भालू पहुंच गया। इधर राजनांदगांव के मानपुर-मोहला में हाथियों का दल महाराष्ट्र से लौट आया है।
धमतरी जिले के कोड़ेगांव बी कक्ष क्रमांक-220 से लगे कुआं में तेंदुआ गिर गया। गांव तक तेंदुआ आने की सूचना से हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। गांव पहुंचे वन विभाग की टीम तेंदुआ का रेस्क्यू किया और सीढ़ियों के माध्यम से उसे बाहर निकाला गया। सीढ़ी के सहारे ही तेंदुआ सुरक्षित कुएं से बाहर आया और जंगल की तरफ चला गया। धमतरी डीएफओ मयंक पांडे ने बताया कि जंगल के क्षेत्रों में वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए टीमें लगी हुई है। कोड़ेगांव बी क्षेत्र के एक कुएं में तेंदुआ गिरा था, जिसे रेस्क्यू कर निकाला गया। प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी महादेव कनौजे, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी मोंगरागहन राजेश वर्मा, ओमकार नेताम हर्ष सिन्हा की टीम ने तेंदुआ को सुरक्षित जंगल की तरफ डायवर्ट किया।
चांदो रेंज के गांव में घुस आया एक भालू
छत्तीसगढ़ के उत्तरी छोर पर बसे बलरामपुर जिले के चांदो रेंज के जावाखाड़ गांव में भालू पहुंच गया। भालू ने ग्रामीणों को पांच घंटे तक परेशान किया। भालू को पकड़ने ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद थे। ग्रामीणों के शोर-शराबा से भालू काफी देर तक इधर-उधर भागता रहा और अंत: में थक जाने के बाद ग्रामीणों ने उसे रस्सी से बांधकर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद नहीं थी। भालू हमला कर देता तो बड़ा हादसा भी हो सकता था या फिर घंटों दौड़ने से बेदम भालू की जान को भी खतरा था।
मोहला-मानपुर क्षेत्र में हाथियों की दस्तक
राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर क्षेत्र में 6 माह बाद फिर हाथियों का दल पहुंच गया है। वन विभाग की 15 सदस्यीय टीम मौके पर मौजूद है। मोहला मानपुर से सटे पीपीरखार, पानाबरस के बीच हाथियों के दल देखे जाने की पुष्टि रेंज अफसर राजेश्वर गोड ने की है। सितंबर से अक्टूबर-2021 तक हाथियों ने मोहला इलाके में जमकर तबाही मचाई थी। इसके बाद हाथी महाराष्ट्र की सीमा की तरफ चले गए थे। अब फिर हाथियों की वापसी ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। दल में डेढ़ दर्जन हाथी होने की खबर है। वन विभाग ने हाथियों के नजदीक नहीं जाने ग्रामीणों को अलर्ट जारी किया है।
वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों के शिकार और तस्करी का मामला भी लगातार सुर्खियों में है। कांकेर-धमतरी जिले में तेंदुआ, राजनांदगांव में तेंदुआ व सेंड बोआ सर्प, गरियाबंद में साल खपरी की तस्करी, तेंदुए व भालू की मौत, बिलासपुर में तेंदुआ की मौत सहित कई मामले लगातार फूट चुके हैं। खाल की तस्करी और मौत के मामले ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। वन विभाग के अफसर सुरक्षा पुख्ता होने का दावा करते हैं, लेकिन उनके दावों की हकीकत धरातल पर कहीं टिकती नहीं दिख रही है। प्रदेश में तस्करी व वन्यजीवों की मौत के मामले लगातार बढ़े हैं।
