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कोयला लेवी घोटाले में ED का शिकंजा और टाइट, स्पेशल कोर्ट ने लिया चार्जशीट का संज्ञान

छत्तीसगढ़ में हुए कथित कोयला लेवी घोटाले में स्पेशल अदालत ने ED की चार्जशीट को संज्ञान में लिया है। मामले में मुख्य आरोपी IAS सौम्या चौरसिया और बिजनेसमैन सूर्यकांत तिवारी पर ED का शिकंजा कस रहा है।

कोयला लेवी घोटाले में ED का शिकंजा और टाइट, स्पेशल कोर्ट ने लिया चार्जशीट का संज्ञान
Abhishek Mishraएएनआई,रायपुरTue, 06 Jun 2023 10:11 AM
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छत्तीसगढ़ के कथित कोयला लेवी घोटाले की जांच में ED का शिकंजा कसता जा रहा है। स्पेशल कोर्ट ने मामले में जांच एजेंसी द्वारा दाखिल की गई चार्ज शीट का संज्ञान लिया है। मामले में ईडी ने दो चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कोयले, लोहे की छर्रों और अन्य लेखों की आवाजाही पर अवैध उगाही का आरोप लगाया गया है।

 ईडी के आधिकारिक बयान के अनुसार छत्तीसगढ़ के कोयला लेवी उगाही घोटाले में व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी और IAS सौम्या चौरसिया के कोयला कार्टेल के खिलाफ जांच की जाएगी। ईडी ने कई जगहों पर तलाशी और छापेमारी की है। 9 आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है और वर्तमान में सभी न्यायिक हिरासत में हैं। विशेष अदालत (पीएमएलए) रायपुर में सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई आईएएस, और अन्य के खिलाफ अभियोजन पक्ष की दो शिकायतें दर्ज की गई हैं। 

ईडी के अनुसार एक जांच के बाद, यह सामने आया है कि इस जबरन वसूली रैकेट में 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई थी। इस पैसे का उपयोग राजनीतिक खर्च, बेनामी संपत्ति के निर्माण और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया। बता दें, मामले में जांच करते हुए ईडी ने 220 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क बरामद की है और उसे अपने कब्जे में लिया है। आगे की जांच चल रही है।

इससे पहले ईडी ने नौ मई को आईएएस अधिकारी रानू साहू, बिजनेसमैन सूर्यकांत तिवारी, विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्रदेव प्रसाद राय, आरपी सिंह, विनोद तिवारी और राम गोपाल अग्रवाल की 90 अचल संपत्तियों, आलीशान वाहनों, आभूषणों और 51.40 करोड़ रुपये की नकदी को अस्थायी तौर पर कुर्क किया था।  ईडी ने आगे उल्लेख किया कि एक जांच के बाद उपरोक्त व्यक्तियों के सूर्यकांत तिवारी के डायरेक्ट कनेक्शन मिले हैं। मामले में सूर्यकांत तिवारी मुख्य आरोपी हैं ऐसे में इन सब संपत्तियों की जांच की जाएगी और आरोपियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। 

इस साल की शुरुआत से ही कोयला लेवी घोटाले की जांच ने तूल पकड़ी है। ED की कई जगहों पर छापेमारी और सम्पत्ति कुर्क करने पर सियासत भी तेज हो गई है। सूबे के मुख्यमंत्री जांच एजेंसी की कार्रवाई को संघीय ढांचे और संविधान के खिलाफ बता चुके हैं। वहीं, सूबे में विपक्ष में भाजपा लगातार मामले में हो रहे खुलासे से भूपेश सरकार को घेर रही है। सूबे में इस साल विधानसभा चुनाव होना है ऐसे में इस सरकार के दौरान हुए कथित घोटाले की जांच पर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। कोयला घोटाले की जांच के बाद शराब घोटाले की जांच से सूबे में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर सियासी हमला बोल रहे हैं। 

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