झीरमघाटी कांड राजनीतिक आपराधिक षड्यंत्र, CM भूपेश बोले- NIA की जांच संतोषजनक नहीं, BJP किसे बचाना चाहती है
बस्तर के झीरमघाटी नक्सल हिंसा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्र सरकार व भाजपा पर हमला बोला। भूपेश ने कहा कि झीरम घटना को 9 साल हो गए हैं और यह राजनीतिक आपराधिक षड्यंत्र था।

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बस्तर के झीरमघाटी नक्सल हिंसा पर सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्र सरकार व भाजपा पर हमला बोला। भूपेश ने कहा कि झीरम घाटी की घटना को 9 साल हो गए हैं। इस घटना में परिवर्तन यात्रा का नेतृत्व करते पीसीसी चीफ नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेन्द्र कर्मा सहित हमने अपने कई नेताओं और जवानों को खोया है। इन 9 सालों में हमने भरसक प्रयास किया कि इस घटना के सही तथ्य सामने आए। यह घटना राजनीतिक आपराधिक षड्यंत्र है। इस षड्यंत्र को उजागर करने की हमने बहुत कोशिश की, लेकिन लोग अड़ंगा लगाते रहे। एनआईए की जांच भी संतोषजनक नहीं है।
झीरमघाटी शहीद मेमोरियल को जनता को समर्पित करने के बाद सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनआईए से अलग छत्तीसगढ़ की पुलिस जब जांच करने तत्पर हुई तो उसके खिलाफ भी भारतीय जनता पार्टी के लोग हाईकोर्ट चले गए। आयोग की जांच को विस्तार करने की जब बात हुई तब भी भाजपा के नेताओं ने हाईकोर्ट में आवेदन लगा दिया। केंद्र में भाजपा की सरकार है, जो हमें एनआईए से केस वापस नहीं कर रही है। जब आयोग की जांच का दायरा बढ़ाया गया तब भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने हाईकोर्ट में आवेदन लगा दिया। भाजपा नेताओं की मंशा है कि जांच आगे नहीं बढ़नी चाहिए। इसके पीछे कौन लोग हैं समझने की आवश्यकता है।
भाजपा के लोग आखिर किसे बचाना चाहते हैं
सीएम भूपेश ने कहा कि आखिर क्या परेशानी है कि राज्य सरकार की पुलिस को जांच करने से रोक रहे हैं। आयोग की जांच को रोक रहे हैं। इस बात को लोग समझ सकते हैं। केस एनआईए से वापल लेने की बात होती है तो भारत सरकार देती नहीं है। दूसरा एफआईआर दर्ज होता है तो एनआईए कोर्ट चली जाती है। न्यायिक जांच आयोग की जांच को रोकने भाजपा के नेता प्रतिपक्ष खुद कोर्ट चले जाते हैं। केंद्र में भाजपा की सरकार है। हाईकोर्ट में जाने वाले भाजपा के लोग हैं। सीएम भूपेश ने कहा कि भाजपा आखिर किसे बचाना चाहती हैं। आखिर झीरम में क्या है, जो सच को छिपाना चाहते हैं।
जांच रिपोर्ट को क्यों दबा रही भूपेश सरकार
2 दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि आखिर कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री झीरम मामले को क्यों ओपन नहीं करना चाहते। जांच पूरी होने के बाद प्रतिवेदन प्रस्तुत हो गया है। सरकार की जवाबदारी थी कि उसे विधानसभा में पेश कर सार्वजनिक किया जाता, लेकिन भूपेश सरकार द्वारा रिपोर्ट दबाने और लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। आखिर सरकार इसे क्यों रोकना चाहती है। आनन-फानन में अलग कमेटी बनाना और जांच की घोषणा करने से मामला संदिग्ध हो रहा है। कौशिक ने कहा कि नई कमेटी बनाने से पुरानी जांच की वैधानिक स्थिति क्या होगी। इस बात को लेकर कोर्ट द्वारा स्टे दिया गया है। झीरम मामले के सच को उजागर करना, दोषियों पर कार्रवाई करना है, लेकिन कांग्रेस की सरकार मामले को दबाना चाहती है।