गौरा गौरी के सामने सब बराबर; दिवाली पर सीएम बघेल ने खाई सोटे की मार; क्या है परंपरा
दुर्ग जिले के जंजगिरी में गौरा गौरी पूजा कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले पूजा अर्चना की फिर पिछले दो साल की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री को सोटा मारने की परंपरा निभाई।

Chhattisgarh Election: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर साल दीपावली पर्व के बाद गौरा गौरी पूजा में अपने हाथों पर सोटा लगवाते हैं। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रसार के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने परंपरा को निभाते हुए अपने पाटन विधानसभा के कुम्हारी स्थित जंजगिरी में एक कार्यक्रम के दौरान अपने हाथों पर सोटा मरवाने की परंपरा को निभाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मानना है कि प्रदेश की खुशहाली के लिए वह अपने हांथो पर सोटा यानी चाबुक के दर्ज को सहकर पूजा पूरी करते है।
दुर्ग जिले के जंजगिरी में गौरा गौरी पूजा कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले पूजा अर्चना की फिर पिछले दो साल की तरह इस बार भी वीरेंद्र सिंह ठाकुर जो कि मुख्यमंत्री को सोटा मारने की परंपरा निभाते हैं उन्होंने परंपरा को पूरा किया। इससे पहले उनके पिता भरोसा सिंह ठाकुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथ में चाबुक मारने की परंपरा को निभाया करते थे। उनके निधन के बाद उनके पुत्र इस परंपरा को निभाते चले आ रहे हैं। बता दे कि छत्तीसगढ़ में गौरा गौरी पूजा का विधान है। दिवाली की रात गौरव गौरी बनाने के बाद सुबह क्षेत्र में घुमाया जाता है उसके बाद पूजा पाठ के दौरान नृत्य किया जाता तत्पश्चात हाथों में सोटा यानी चाबुक को सहने का विधान है। इस पूरे कार्यक्रम के बाद देर शाम गौरा गौरी का विसर्जन कर दिया जाता है।
जंजगिरी में कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के लोगों की खुशहाली की कामना की इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गौरा गौरी के सामने सब बराबर है यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ में लगातार पीएम मोदी के दौरे को लेकर कहा की प्रदेश में जब तक चुनाव है तब तक पीएम मोदी आ रहे हैं। इससे पहले क्यों नहीं आते थे उन्होंने यह आरोप लगाया कि आज तक किसानों आदिवासियों की तकलीफ पीएम ने क्यों नहीं पूछी।
