छत्तीसगढ़ में 8 हथियारबंद लोगों से भिड़ गई बेटी, बाप को मौत के मुंह से बचाया
छत्तीसगढ़ में एक आदिवासी लड़की के अदम्य साहस का मामला सामने आया है। 17 साल की एक बहादुर लड़की ने आठ हथियारबंद लोगों से लड़कर अपने पिता के जान की रक्षा की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
छत्तीसगढ़ में एक आदिवासी लड़की के अदम्य साहस का मामला सामने आया है। 17 साल की इस बहादुर लड़की ने आठ हथियारबंद लोगों से लड़कर अपने पिता के जान की रक्षा की।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के नारायणपुर के एक गांव में एक 17 वर्षीय आदिवासी लड़की ने आठ हथियारबंद लोगों के एक समूह से लड़कर अपने पिता की जान बचाई। हालांकि इस दौरान उसके पिता सोमधर कोर्रम गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
लड़की ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार रात को जब वह अपने पिता को खाना परोसने वाली थी तो कुछ लोगों ने उसके घर का दरवाजा खटखटाया। वे लोग उसके पिता से मिलना चाहते थे। उसके पिता ने दरवाजा खोल दिया। लड़की ने जब खिड़की से बाहर देखा तो वे लोग नकाबपोश थे और कुल्हाड़ियां लिए हुए थे। उनमें से दो के पास बंदूकें थीं। जैसे ही उसके पिता दरवाजा खोलकर बाहर निकले, वे लोग उस पर टूट पड़े।
उसने अपने पिता को उन लोगों के बीच घिरा देखकर हैरान रह गई। उन लोगों की संख्या आठ थी। वह तुरंत बाहर निकली और कुल्हाड़ी चलाने वाले हमलावरों में से एक पर झपट पड़ी। लड़की ने उससे हथियार छीनकर फेंक दिया। उसके बाद वह उन सबसे भिड़ गई। लड़की के इस रूप को देखकर थोड़ी देर के लिए हमलवार हक्के-बक्के रह गए। इसी बीच एक हमलावर ने अपनी कुल्हाड़ी उसके पिता की छाती पर दे मारी। इस बीच पड़ोस में रहने वाले लोग वहां पहुंच गए। पड़ोसियों के हस्तक्षेप के बाद हमलावरों का गिरोह वहां से भाग गया।
नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक प्रभात सिंह ने कहा कि पुलिस ने हत्या के प्रयास की जांच शुरू कर दी है। पीड़ित परिवार को माओवादियों का हाथ होने का संदेह है।