Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़high court ko majak me na len chhattisgarh chief justice to education secretary

'हाई कोर्ट को मजाक में ना लें', छत्तीसगढ़ के शिक्षा सचिव पर क्यों भड़क गए चीफ जस्टिस

संक्षेप: शिक्षा का अधिकार (RTE) मामले में दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव की अनुपस्थिति पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और स्पष्ट चेतावनी दी कि 'हाईकोर्ट को मजाक में न लें।'

Thu, 18 Sep 2025 12:04 PMMohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान
share Share
Follow Us on
'हाई कोर्ट को मजाक में ना लें', छत्तीसगढ़ के शिक्षा सचिव पर क्यों भड़क गए चीफ जस्टिस

शिक्षा का अधिकार (RTE) मामले में दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव की अनुपस्थिति पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और स्पष्ट चेतावनी दी कि 'हाई कोर्ट को मजाक में न लें।' चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सख्त लहजे में कहा कि अगली सुनवाई में सचिव स्वयं उपस्थित होकर शपथपत्र के जरिए बताएं कि गड़बड़ी करने वालों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है। योजना के पात्र हितग्राहियों की आखिर अनदेखी क्यों हो रही है। नियम शर्तों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। हाईकोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 17 अक्टूबर तय की गई है।

हाईकोर्ट कोर्ट ने राज्य शासन से यह भी पूछा कि गरीब बच्चों का हक मारकर आर्थिक रूप से सक्षम घरों के बच्चों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला दिलाया गया। ऐसी गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। यह जनहित याचिका भिलाई निवासी सामाजिक कार्यकर्ता भगवंत राव ने अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि फर्जीवाड़े के जरिए आरटीई के तहत गरीब बच्चों की सीटें कब्जाई जा रही है और आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के बच्चों को दाखिला दिया गया है। निजी स्कूलों भी आरटीई की सीटों को लेकर गंभीर नहीं है।

शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं

याचिका में यह भी बताया गया है कि आरटीई की सीटों का लाभ गरीब बच्चों को नहीं मिल रहा है। शिकायतों के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक कहीं कोई सुनवाई ही नहीं हो रही है। सरकारी अफसर नियमों का खुला माखौल उड़ा रहे हैं। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में इस बात पर भी गंभीर चिंता जाहिर की गई है कि बिना मान्यता के नर्सरी और केजी स्तर तक के निजी स्कूल गली-गली में खोले जा रहे हैं, जिनकी मान्यता और संचालन पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हाईकोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 17 अक्टूबर तय की गई है। अगली सुनवाई में शिक्षा सचिव को खुद हाईकोर्ट में आने का आदेश दिया गया है।

(रिपोर्ट- संदीप दीवान)

Mohammad Azam

लेखक के बारे में

Mohammad Azam
युवा पत्रकार आजम ने लाइव हिन्दुस्तान के साथ पत्रकारिता की शुरुआत की। 8 राज्यों की पॉलिटिकल, क्राइम और वायरल खबरें कवर करते हैं। इनकी मीडिया की पढ़ाई भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC), नई दिल्ली से हुई है। इंटरव्यू, पॉडकास्ट और कहानियां कहने का शौक है। हिंदी, अंग्रेजी साहित्य के साथ उर्दू साहित्य में भी रुचि है। और पढ़ें

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।